महावीर मंदिर वाले आचार्य किशोर कुणाल के नाम खुला खत, राम का सम्मान और सीता का अपमान क्यों…

पटना 30 अप्रैल 2023 : पटना का महावीर मंदिर ना सिर्फ पूरे बिहार में फेमस है बल्कि बिहार और देश के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है. यहां रोज लाखों श्रद्धालु भगवान हनुमान का दर्शन करने आते हैं और आशीर्वाद लेते हैं. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह देश का एक अनोखा मंदिर है जहां पर एक साथ दो-दो हनुमान विराजमान है. मंदिर के बारे में जानकारी रखने वाले लोगों को यह भी पता है कि रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल से पहले इस मंदिर का उतना ना तो नाम था और ना ही प्रसिद्धि. कहा जाता है कि पत्नी से अनबन होने के बाद आचार्य किशोर कुणाल घंटों मंदिर परिसर में बैठे रहते थे और रामनाम का जाप किया करते थे. कहते हैं इस मंदिर को आचार्य किशोर कुणाल ने अतिक्रमण मुक्त करवाया और बेहतर प्रशासन व्यवस्था डेवलप करवाया. जब से आचार्य कुणाल मंदिर से जुड़े हैं तब से यहां धूमधाम से रामनवमी का आयोजन होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं यहां जानकी नवमी के दिन मात्र खानापूर्ति किया जाता है. छोटा सा अष्टयाम का आयोजन और जानकी पूजा कर कर्तव्यों का इतिश्री मान लिया जाता है.

इसमें कोई दो राय नहीं है कि पटना का महावीर मंदिर वर्तमान समय में ऐसी स्थिति में है की अगर वह एक विज्ञप्ति भी जारी करें तो मीडिया उस खबर को प्रकाशित करता है. आए दिन आप उनका इंटरव्यू और फलाना ढीमकाना वाली खबर देखते होंगे. उदाहरण के लिए रामनवमी पर कितने लाख किलो लड्डू बन रहे हैं… राम मंदिर के दिन श्रद्धालुओं पर ड्रोन से पुष्प वर्षा होगी… अयोध्या राम मंदिर को महावीर मंदिर ने दिया 2 करोड़ रुपये का दान दिया आदि… आदि . कहने का तात्पर्य यह है कि आचार्य किशोर कुणाल पाद भी मारते हैं या खांसी जुकाम भी करते हैं तो वह खबर बन जाती है..

अब मुद्दे पर लौटते हैं… आज से 1 महीना पहले पटना में धूमधाम से रामनवमी का आयोजन किया गया था. मंदिर प्रशासन द्वारा राम भक्तों को किसी तरह की असुविधा ना हो इसको लेकर विशेष तैयारियां की गई थी. मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया था… पूजा जो द्वारा विशेष पूजा की व्यवस्था की गई थी. मंदिर को रंग बिरंगी लाइट से सजाया गया था. विश्वास ना हो तो आप मीडिया में प्रकाशित खबरों को देख सकते हैं…

वर्तमान में लौट आइए… कल जानकी नवमी था अर्थात मा सीता का जन्मदिन. जो मंदिर प्रशासन भगवान राम का जन्मदिन धूमधाम से मनाता है वह सीता के जन्मदिन के दिन मात्र अष्टयाम का आयोजन कर कर्तव्य को समाप्त कर लेता है. आप यह भी कह सकते हैं कि जानकी नवमी के बारे में बहुत लोगों को पता नहीं है. साहब मैं भी आपसे सहमत हूं.

जानकी बिहार के मिथिला क्षेत्र की बेटी है. उन्हें शक्ति स्वरूपा कहा जाता है. जानकार तो इतना तक कहते हैं कि सीता के बिना राम का अस्तित्व नहीं है. गांव में आज भी लोग सीता राम नाम का जाप करते हैं… इस मंत्र को महामंत्र माना जाता है. लोग तो यहां तक कहते हैं कि माता सीता ने हनुमान को अपना पुत्र माना था. इसीलिए जब लव कुश ने अश्वमेघ के दौरान घोड़ा पकड़ने के बाद हनुमान को बांध दिया था तो सीता रो पड़ी थी.

जानकी नवमी अगर ब्रांड नहीं है तो महावीर मंदिर प्रशासन का कर्तव्य बनता है कि इसे ब्रांड बनाया जाए. कल दिन भर ट्विटर पर इस बात को लेकर लोग मांग करते रहे कि रामनवमी के दिन की तरह जानकी नवमी के अवसर पर भी राष्ट्रीय छुट्टी होनी चाहिए… आचार्य किशोर कुणाल या मंदिर प्रशासन द्वारा इस बात को लेकर कोई स्टैंड क्लियर नहीं किया गया.

मंदिर प्रशासन द्वारा ना तो भव्य झांकियां बनाई गई और ना ही जुलूस निकाला गया. ऐसा नहीं है कि आचार्य किशोर कुणाल मां सीता के भक्त नहीं है. मीडिया की खबरों पर विश्वास करें तो जानकी जन्म स्थान भूमि सीतामढ़ी के पुनौरा में महावीर मंदिर प्रशासन द्वारा रोज भंडारे का आयोजन किया जाता है.

साहब मैं जानता हूं राम के नाम पर आपकी ब्रांडिंग होती है और सीता के नाम पर नहीं… राम के नाम पर आपकी कमाई होती है सीता के नाम पर नहीं… राम के कारण आपको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई है जो सीता नहीं दिला सकती. कल यह भी हो सकता है कि राम के कारण आपको राज सभा का सांसद या विधान परिषद का सदस्य बना दिया जाए.

लेकिन कुणाल सर अब आप उस मुकाम पर हैं जहां आप पहचान के मोहताज नहीं है. आपकी पहुंच देश के प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू तक है. उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ आप उठते बैठते हैं. आपने राम मंदिर आंदोलन के दौरान जबरदस्त संघर्ष किया है. उसी का परिणाम है कि भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. अपने आर्थिक मदद के साथ साथ वहां रोज भंडारे करने का ऐलान किया है. इसमें कोई आपत्ति नहीं है. राम मिथिला के दामाद थे. उनका उचित सम्मान होना चाहिए. सुमित्रा वाले आज भी बेटे से ज्यादा पाहुन का सम्मान करते हैं.

राम को जितना मिलना चाहिए था उससे कई गुना अधिक आप लोगों ने उन्हें दिला दिया है. अब सीता की बारी है. आप अपने आप को हनुमान भक्त कहते हैं. हे कलयुग के हनुमान गदा उठाइए और संकल्प लीजिए. जिस धूमधाम से बिहार सहित पूरे देश में रामनवमी का आयोजन होता है उसी तरह से जानकी नवमी का भी आयोजन होगा. विश्वास कीजिए अगर आप सीता की भक्ति करते हैं तो पॉपुलरिटी आपको मिले या ना मिले लेकिन आशीर्वाद और समर्थन जबरदस्त मिलेगा.

अंत में बस इतना अगर आप किसी शब्द से आप आहत हुए हो, या आपका दिल दुखा हो तो माफ कीजिएगा…

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