धोनी के नाम बिहारी युवक का ओपन लेटर, कहा- मेरे लिए क्रिकेट का मतलब सिर्फ तुम हो, और कोई नहीं
PATNA : मेरे प्रिय धोनी, ये देश उस समय के सर्वश्रेष्ठ को पूजता है। यह देश सबकुछ बहुत जल्दी भूल जाता है। इतनी जल्दी कि एक दिमाग रोगी भी नहीं भूलता। यह देश उसी को बेस्ट मानता है, जो अभी बेस्ट है। बेस्ट का भी वर्स्ट समय आएगा और किसी का बेस्ट। उस समय देश उसको पूजेगा न कि उसको जो फिलहाल बेस्ट है। दिल में बसाने वाले लोगों को, खराब दिनों में बहुत खराब कहते हुए देखा है। चार सौ दिनों पर यहाँ कोई एक दिन भारी हो जाता है। वे लोग यह नहीं देखते कि अभी जो सबकुछ बेस्ट है, क्यों बेस्ट है!
माही! मुझे पता है, तुम्हें कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता है। तुम आंकड़ों को भी नहीं देखते। तुमने कभी अपने लिये नहीं खेला, नहीं तो तुम भी बयासी के एवरेज से खेल रहे होते, फर्स्ट डाउन पर। यहाँ के लोग कभी यह नहीं कहेंगे कि जो बल्लेबाज आज ओपनिंग करने आता है, उसको मिडिल ऑर्डर में खिला-खिला कर, कितनी गालीयाँ खाई है तुमने! तुम फिनिशर, किंग के साथ-साथ किंगमेकर बन गए और लोग तुम्हें एक बेकार से मैच को फिनिश नहीं करने पर, बोझ बताते हुए नज़र आये। तुम इतने कुल-साधारण हो न माही कि चैंपियनस ट्रॉफी का फाइनल पाकिस्तान से यदि तुम हारते तो शायद यह देश तुम्हें भगाने की बात करता। यदि अनिल कुंबले के साथ तुमने गलत व्यवहार करके रिजाइन दिलवाया होता तो लोग तुम्हें पागल-बदतमीज कहते लेकिन मैंने कहा न कि इस देश में, जो उस समय का सर्वश्रेष्ठ होता है, वही पूजा जाता है। तुम्हारे भीतर बैठा वो साधारण-शांत व्यक्ति ही आज तुम्हारी कमजोरी बन गया है।
तुमने कितनों को बनाया, कितनों को सीखाया। अभी भी तुम विकेट के पीछे वही दिखते हो, जो कुछ साल पहले दिखते थे। शायद तुम्हारे नाम के आगे अभी तक ‘कैप्टन’ लगा होता तो तुम इस समय कुछ और होते लेकिन तुमने भारत और युवाओं में भविष्य देखा है। तुम कप्तान बनाते हो, उसके साथ रहकर। तुम हो तो कप्तान चैन है। तुम हो तो वो कप्तान तीस गज़ के बाहर आराम से फील्डिंग करता है। तुम्हें भविष्य तैयार करना है। नये लड़कों के शॉट्स देखकर जो लोग उसे तुमसे कंपेयर कर, उसको तुमसे बड़ा हीटर मान रहे लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि तुम्हारे ही बल्ले की रफ्तार देखकर, उन लड़कों में क्लास से ज्यादा, बाउंड्री लगाने की भूख लगी है। तुम अपने हिसाब से, देश के लिये खेलते रहे हो। तुम वो यूनिक पीस नहीं कभी होते, यदि तुम उनको फॉलो करते। तुमने खराब दौड़ देखा है और उनसे सीखा है। तुम हमेशा सीखते, सीखाते हो। लेकिन यह देश काफी बदल गया है, पहले से भी ज्यादा। तुम्हें सबके मन की हिसाब से करना होगा। बल्ला घुमाने बोले तो घुमाओ, नहीं बोले तो मत घुमाओ!
तुम कप्तानी सीखाते हो और जीत का क्रेडिट कोई और ले जाता है। जाना भी चाहिये। टीम हारती है, लोग तुम्हें गाली देते हैं। बॉलिंग में रन जाता है तो तुम दोषी और रन नहीं जाता तो बेहतरीन कप्तानी, बेहतरीन बॉलिंग। साढ़े तीन सौ रन के चेज करने के लिये पॉवरप्ले में, साढ़े तीन के औसत से रन बनाए जाते हैं मगर जिम्मेदार तुम्हारा आउट नहीं होना होता है। सबसे बड़ी बात है, तुमने लोगों को अपेक्षा करना सीखा दिया है। लोग तुमसे इतनी अपेक्षा करने लग गए हैं कि आखिरी गेंद पर छत्तीस रन बनाने होंगे तो लोग तुम पर भरोसा रखेंगे और नहीं बनाओगे तो गाली सुनोगे। और यही भरोसा बहुत खराब हो है। तुम रन के लिये नहीं, रन की महत्ता को देखते हो। तुम खुद की ज़रूरत को देखते हो। माही यह विश्व कप तुम्हारे लिये लोगों की नफरत को उजागर कर रहा है लेकिन तुम हो जिद्दी, तुम्हें खुद से ज्यादा भारत की जीत पसंद है।
लेकिन माही तुम अब सन्यास ले लो! अब बर्दाश्त नहीं होता। तुम कुछ भी कर लोगे, लोग अब नहीं बदलेंगे। ये लोग अब तुम्हारे खिलाफ हो गए हैं। रन बनाओगे तो कमी, नहीं बनाओगे तो बोझ। फिनिश करोगे तो आसान, नहीं करोगे तो किसी काम के नहीं। माही, अब सही में बर्दाश्त नहीं होता। सच कह रहा हूँ, जब तुम सन्यास ले लोगे तो क्रिकेट के लिये मेरा डाटा भी खत्म नहीं होगा और भारत की हार पर शायद दुख के बदले खुशी ही हो जाऊँ। मुझे उन दर्शकों से इतनी नफरत हो गयी है कि वो यदि भारत की हार पर दुखी होंगे तो मैं जोड़ से हँसना चाहूँगा।
इन दिनों में, मैंने पैंसठ अपने लोगों को मित्रता सूची से निकाल दिया है। शायद उसमें, वो लोग भी थे जो मुझसे प्रेम करते थे, मुझे पढ़ते थे लेकिन यहाँ मैं कुछ नहीं कर सकता था। लोगों ने रीजन पूछा तो मैंने सीधे तुम्हारा नाम कहा है। तुम समय नहीं, समय तुम्हारे हिसाब से चलता है। मुझे पता है, तुम सबको गलत साबित कर दोगे लेकिन यह खेल बंद करो। माही, तुम एक विचार हो और बाकी सब हैं प्लयेर। कोई सौ बनायेगा लेकिन तुम्हारा एक-एक रन, एक-एक छक्का मेरे लिये और भारत के लिये, गुल्लक में कोई बड़ा नोट जैसा है। मुझे पता है, तुम खुद को साबित करने के लिये नहीं, भारत के लिये खेलोगे लेकिन तुम नहीं जानते कि यह देश बहुत जल्दी भूलता है। तुम्हारा एक साधारण प्रेमी ❤️– सागर, MSU
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