ऑपरेशन सिंदूर की शेरनी: वडोदरा की बेटी कर्नल सोफिया और उनके परिवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खास मुलाकात

By Rajveer

Published on:

कर्नल सोफिया कुरैशी

वडोदरा (गुजरात):
7 मई को जब भारत ने पाकिस्तान पर पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, तो इस ऑपरेशन की कमान संभाली गुजरात की बेटी कर्नल सोफिया कुरैशी ने। ये एक ऐसा पल था जब पूरा देश गौरव से भर गया, और सबसे खास बात ये रही कि पहली बार कोई महिला अधिकारी इस ऑपरेशन की अगुवाई कर रही थीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वडोदरा आए, तो उन्होंने सोफिया के परिवार से खास मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान सोफिया के पिता, भाई और बहन ने मीडिया से अपनी भावनाएं साझा कीं। आइए, जानते हैं इस देशभक्त परिवार की सच्ची और गर्व भरी बातें – बिलकुल आम इंसान की भाषा में।

पिता ताज मोहम्मद कुरैशी बोले – “जो हुआ, वो पहले होना चाहिए था”

जब पीएम मोदी का काफिला उनके पास से गुजरा तो सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने बताया –

“हम भी झुके, वो भी झुके… फिर उन्होंने (मोदीजी ने) कहा – ये खुशी की बात है।”

जब उनसे पूछा गया कि आपकी बेटी देश की सेवा कर रही है, तो उन्होंने सादगी से कहा –

“बहुत अच्छा लग रहा है। जो मोदीजी ने किया, वो देश के लिए बहुत ज़रूरी था और ये काम बहुत पहले हो जाना चाहिए था।”

भाई मोहम्मद संजय कुरैशी बोले – “पीएम को देख ऐसा लगा कुछ पा लिया हो”

सोफिया के भाई ने कहा –

“हमारे रक्षा बलों और सरकार ने मिलकर जो काम किया, वो शानदार था। मैं बस इतना कह सकता हूं कि मुझे उन पर गर्व है।”

पीएम से मुलाकात के बारे में बोले –

“जब प्रधानमंत्री हमारे पास से निकले, तो ऐसा लगा जैसे मैंने कुछ हासिल कर लिया हो।”

बहन शायना कुरैशी की जुबानी – “अब हर जगह महिलाएं ही महिलाएं हैं”

सोफिया की जुड़वां बहन डॉ. शायना कुरैशी ने कहा –

“मोदीजी ने हमें हाथ जोड़कर अभिवादन किया, हमने भी नमस्ते किया। वे बहुत सम्माननीय हैं। ऑपरेशन सिंदूर बिना नुकसान के सफल रहा। आज महिलाएं हर फील्ड में आगे हैं। ये सब हमारे प्रधानमंत्री की सोच से ही संभव हुआ है।”

कर्नल सोफिया कौन हैं? जानिए उनका सफर

  • जन्म वडोदरा में हुआ
  • एम.एस. यूनिवर्सिटी से B.Sc. और M.Sc. (बायोकेमिस्ट्री) की पढ़ाई की
  • सेना में कर्नल पद तक पहुंचीं
  • 8 मई को भारतीय सेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस में वो मुख्य चेहरा बनीं

इसे भी पढे: तेज प्रताप यादव का विवाद और लालू परिवार की कोलकाता यात्रा – आखिर माजरा क्या है?

तीन बड़े सैन्य मिशन जिनमें सोफिया शामिल रहीं:

  1. कांगो मिशन (2006):
    संयुक्त राष्ट्र की ओर से महिलाओं और बच्चों की रक्षा के लिए काम किया।
  2. ऑपरेशन पराक्रम (2001-02):
    पंजाब बॉर्डर पर शानदार सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
  3. बाढ़ राहत मिशन (पूर्वोत्तर भारत):
    संचार सेवा में बेहतरीन काम के लिए उन्हें अवार्ड मिला।

एक सपूत नहीं, पूरा फौजी परिवार

  • पिता ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध में भाग लिया
  • दादा और परदादा भी सेना में थे
  • चाचा BSF में काम कर चुके हैं
  • दादी बचपन से रानी लक्ष्मीबाई से जुड़ी कहानियाँ सुनाया करती थीं

इसे भी पढे: Monsoon 2025: केरल में जल्द पहुंच सकता है मानसून, मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी”

बहन शायना भी कम नहीं – डॉक्टर, मिस इंडिया और गोल्ड मेडलिस्ट

  • शायना ने मिस इंडिया अर्थ 2017 और मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 जैसे खिताब जीते
  • वे डॉक्टर, अर्थशास्त्री, फैशन डिज़ाइनर, और राष्ट्रीय स्तर की राइफल शूटर हैं
  • भारत के राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक भी मिल चुका है
  • सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं, इंस्टाग्राम पर 28,000 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं

निष्कर्ष:

कर्नल सोफिया कुरैशी और उनका परिवार एक सच्ची मिसाल है – देशभक्ति, नारी शक्ति और मेहनत की।
आज जब देश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे ऐतिहासिक पल का गवाह बना है, तो सोफिया जैसी बेटियाँ ये साबित कर रही हैं कि महिलाएं हर मोर्चे पर देश की ढाल बन चुकी हैं।
वडोदरा को, गुजरात को और पूरे भारत को आप पर गर्व है, कर्नल सोफिया!