पप्पू यादव का सेवाश्रम बंद हो गया, सोचिए ! बिहार की जनता ने इस लोकसभा चुनाव में क्या खोया ?

PATNA : पप्पू यादव जी और रंजीत रंजन द्वारा संचालित सेवाश्रम बंद हो गया या यूं समझिए उजड़ गया। यह दिल्ली में देश भर ( खासकर बिहार) के गरीब मरीजों के लिए जीवनदायनी से कम नहीं था।

आपको तो पता ही होगा कि देश के सभी सांसदों को भारत सरकार की तरफ से दिल्ली में आलीशान कोठियां मिलती है। लेकिन बिहार(शायद देश) के एक मात्र सांसद पप्पू यादव ही थे जो अपने आवास में मरीजों के लिए सेवाश्रम चलाते थे। जहां सैकड़ों की संख्या में गरीब-असहाय मरीज और उनके परिजन नि:शुल्क रहते हैं और उनके भोजन की भी व्यवस्था होती है। उनके इलाज में मदद के लिए कई पूर्णकालिक कर्मी भी नियुक्त थे, जो एम्स आदि अस्पतालों में उपचार में सहायता करते थे।

बिहार और देशभर के किसी कोने से अये जरूरतमंद लोगों के लिए यह दरबार हमेशा खुला रहता था। आपको बता दें कि हमारे जन सेवक पप्पू यादव जी उन मरीजों की सेवा के लिए कई कर्मचारी भी रखे थे। जरुरत पड़ने पर मरीजों को आर्थिक मदद भी करते थे।

दुर्भाग्य से 2019 के लोकसभा चुनाव में सत्ता पक्ष और विपक्ष के नापाक, गुप्त और षड्यंत्रकारी गठजोड़ के कारण पप्पू यादव जी और रंजीत रंजन जी दोनों को हार का सामना करना पड़ा। अब सरकार की ओर से अर्जेंट नोटिस के तहत उन्हें आवास खाली करना पड़ रहा है।

कल सेवा आश्रम में रह रहे सौ से अधिक मरीजों को जब पप्पू यादव जी बताते हैं कि ये जगह उन्हें खाली करना होगा। सभी के चेहरे मायूसी से लटक जाते हैं। उतने लोगों के लिए तुरंत कोई नई व्यवस्था करना संभव न था, इसलिए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय हाथ जोड़कर सबसे माफी मांगते नजर आए।

बड़े ही दुखी मन से सेवाश्रम खाली करते हुए पप्पू यादव जी ने कहा है, ‘आपका भाई – बेटा – सेवक आपसे वादा करता है कि आपके लिए सेवाश्रम फिर स्थापित करेगा, बस वक़्त चाहिए। सेवाश्रम में रहे लोगों को अभी तक हमारी सेवा औऱ समर्पण में अगर कोई शिकायत रही हो, तो मैं हाथ जोड़ कर आपसे क्षमा मांगता हूं। सेवाश्रम, आपका था। मैं तो बस सेवक की तरह रंजीत रंजन जी के साथ मिलकर हर वक़्त आपकी सेवा में लगा रहा। आज मेरे खुद के लिए भी कोई आशियाना नहीं है। सेवाश्रम और मेरे परिवार का रहने का ठिकाना दोनों मेरे लिए आज सबसे ज्यादा जरूरी है। दोनों मेरी जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण है। अब मुझे अपने लिए भी छत तलाश करनी है और सेवाश्रम के लिए भी। फिलहाल कल से हम और सेवाश्रम में रह रहे मरीज व उनके परिजन दरबदर हो जाएंगे।’

सोचिए ! बिहार की जनता ने इस लोकसभा चुनाव में क्या खोया ?

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