बिहार पुलिस का कारानामा— आपरेशन के दौरान पेट में कॉटन छोड़ने वाले डाक्टर पर नहीं, मरीज पर FIR

पेट में कॉटन छोड़ने वाली डॉक्टर पर नहीं पीड़िता पर ही केस… जिसकी फिर सर्जरी, पुलिस ने पीड़िता के आवेदन को सिविल सर्जन व एम्स निदेशक को भेजा, एम्स बोला-शिकायत मिली तो मेडिकल बोर्ड बनाएंगे, सर्जरी में महिला डॉक्टर के पेट में कॉटन छोड़ने का मामला, पीड़िता के परिजनों पर भी केस : एम्स पटना में महिला डॉक्टर की सर्जरी के दौरान पेट में कॉटनछोड़ने के मामले में पुलिस ने पीड़ित मेडिकल ऑफिसर डॉ. पूजा व उनके परिजनों पर एफआईआर दर्ज किया है। फुलवारीशरीफ थाने की पुलिस ने 48 घंटे बाद एम्स गायनी की हेड और सर्जन डॉ. हिमाली के द्वारा थाने में दिये गये आवेदन पर एफआईआर दर्ज किया है। डॉ. पूजा और उनके परिजनों के खिलाफ में आईपीसी की धारा 341,323 , 504, 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। लेकिन डॉ. पूजा की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पुलिस ने उनके आवेदन तथा जमा किए गए सारे कागजात सिविल सर्जन पटना, व एम्स निदेशक को फॉरवर्ड कर दिया है। उनसे मेडिकल नेग्लिजेंस पर मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच कराने का अनुरोध किया गया है। प्रभारी अधीक्षक डॉ. लोकेश तिवारी ने बताया कि आवेदन मिलने पर मेडिकल बोर्ड गठित की जाएगी ।

यह मेडिकल नेग्लिजेंस का मामला है। पीड़ित ने शिकायत की है तो पुलिस को एफआईआर करना चाहिए। पीड़िता के पास कंज्यूमर फोरम का भी विकल्प है। -प्रभात भारद्वाज, अधिवक्ता, पटना हाईकोर्ट

अधिनियम में स्पष्ट है कि मेडिकल नेग्लिजेंस में एक्सपर्ट कमेटी के निर्णय के अनुसार फैसला लेना चाहिए। यहां भी मेडिकल बोर्ड का गठन कर जांच करनी चाहिए। -डॉ. अजय कुमार, पूर्व अध्यक्ष आईएमए बिहार

उधर एम्स में लापरवाही की शिकार हुई महिला डॉक्टर पूजा की रविवार को फिर सर्जरी की गई। निजी क्लिनिक में उनका ऑपरेशन किया गया। ढाई घंटे से अधिक चले ऑपरेशन में उनके पेट से कॉटन निकाल दिया गया है। ऑपरेशन के बाद डॉ. पूजा की हालत स्थिर है। परिवार ने कहा कि अल्ट्रासाउंड में जितना बड़ा कॉटन (5.6 सेमी) दिख रहा था, उससे भी बड़ा कॉटन निकला है।

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