पटना में दैवीय चमत्कार, मंदिर में दूध पी रही नंदी की मूर्ति, भक्तों का लग गया तांता

सावन में भगवान शिव के जयघोष के बीच कई जगहों से ‘दैवीय चम्तकार’ जैसी खबरें भी सामने आ रही हैं. ऐसी ही खबर बिहार के जहानाबाद से भी आई जब एक शिव मंदिर में शिव की सवारी नंदी के जल और दूध ग्रहण करने की खबरें सामने आई. इसके बाद तो जिसे भी ये खबर लगी वही कटोरी में जल लेकर नंदी के दर्शन को चल पड़ा.

मामला शहर के निजामुद्दीनपुर मोहल्ले स्थित शिव मंदिर की है. शनिवार की सुबह से ही यह खबर फैली कि शिव मंदिरों में स्थापित बसहा बैल यानी नंदी जल ग्रहण कर रहे हैं. देखते ही देखते आस-पास के मोहल्लों में यह खबर आग की तरह फैल गई. लोगों का हुजूम कटोरियों में जल लेकर मंदिरों की ओर चल पड़ा.नंदी के जल ग्रहण करने की खबर कहां से शुरू हुई ये तो नहीं पता चल सका, लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में अचानक यह बात फैली. कुछ लोगों ने बताया कि शिव के मंदिर में नंदी मूर्ति जल ग्रहण कर रहे हैं. इसके बाद से ही वहां भक्तों का तांता लगने लगा. मंदिर में मौजूद श्रद्धालु भी ये दावा करने लगे कि उनके हाथ से नंदी की मूर्ति ने जल ग्रहण किया है. यह आस्था है या अंधविश्वास यह हम पाठक ही तय करें, लेकिन सावन के महीने में अक्सर ऐसी बातें सामने आ रही हैं.


सबसे पहले 1995 में 21 सितंबर (गणेश चतुर्थी) को यह अफवाह फैली थी कि गणेश प्रतिमाएं दूध पी रही हैं. देखते ही देखते मंदिरों में भीड़ लग गई. न्यूज चैनलों पर अटलजी समेत कई नेता गणेशजी को दूध पिलाते दिख रहे थे. इसके बाद समय-समय पर दूसरे देवी-देवताओं के दूध पीने की खबर भी आती रहीं. जैसे ही गणेशजी के दूध पीने की खबरें फैली, वैज्ञानिकों ने तुरंत यह कहकर रिएक्ट किया कि यह नेचुरल साइंस है, लेकिन वे यह नहीं बता पाए कि ऐसा नेचुरल करिश्मा पहले कभी क्यों नहीं हुआ और केवल 24 घंटे तक ही क्यों चला?

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