पटना के इस मंदिर में 104 साल से जल रही है गुवाहाटी वाली मां कामाख्या की अखंड ज्योत

गोलघर के पास श्री श्री अखंडवासिनी मंदिर में 104 सालों से लगातार अखंड ज्योत जल रही है। यह ज्योत मामूली नहीं है. कामाख्या माता की ज्योत है। इसे असम के कामाख्या से यहां लाया गया है. नवरात्रे के दूसरे देश मंदिर में भक्तों का ताँता लग गया है. दुर दुर से भक्त यहाँ अपनी मनोकामनाओं के साथ माता के दर्शन के लिए आते हैं. आज यहाँ JDU के नेता छोटू सिंह आए थे. उनका कहना है कि वो अपने लिए नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आम लोगों के लिए मनोकामना माँगने आए थे. साथ ही जब हमने आम लोगों से बात की तो उनका कहना है कि वो इस बार माता के दरबार में बहुत सारी आशंकाओं के साथ आए हैं और उन्हें विश्वास है कि माता उनकी मनोकामनाएं पूरी करेंगे करेंगे.

बताते चलें कि श्रीश्री अखंडवासिनी गोलघर पार्क रोड में बीते 108 वर्षों से शुद्ध घी और तेल का अखंड दीया जल रहा है। यहां दुर्गा मां अखंडवासिनी माता के रूप में विराजमान हैं। मंदिर में मां काली की प्रतिमा के साथ माता की बगलामुखी प्रतिमा स्थापित है। जल रहे अखंड दीप का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि इस की ज्योत को कामाख्या मंदिर से लाया गया था।

1914 में जब ज्योत पटना पहुंची थी, तब यह मंदिर झोपड़ीनुमा था। आज इसे पटना के शक्तिस्थल के रूप में पहचान प्राप्त है। सप्तमी से नवमी के बीच भक्तों का सैलाब उमड़ता है। मंदिर के व्यवस्थापक व पुजारी विशाल तिवारी बताते हैं कि तीन दिनों में डेढ़ से दो लाख लोग मंदिर में मां के दर्शन-पूजा के लिए पहुंचते हैं। भीड़ नवरात्र में नवमी के दिन रात्रि में भंडारा के बाद ही कम होती है। मंदिर में नवरात्र में मंदिर दिन-रात मिलाकर 21 घंटों तक खुला रहता है। रात के 1 बजे से 4 बजे के बीच माता के स्नान व कपड़ा बदलने के लिए बंद किया जाता है।

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