बिहार के हर जिले में होंगे एक किन्नर दारोगा, ट्रांसजेंडर को पुलिस कोटे में मिला रिजर्वेशन

Desk: बिहार सरकार (Bihar Government) ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) मेंएक हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि राज्य की कुल आबादी में किन्नरों की 0.039 जनसंख्या है. उसी जनसंख्या के आधार पर राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित कर दिया है. ऐसा होने से हर जिले में कम से कम एक किन्नर दारोगा होने का रास्ता साफ हो गया है. बुधवार को पटना हाईकोर्ट में पुलिस बहाली में किन्नरों के आरक्षण के मामले पर राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी (Amir Subhani) ने कार्रवाई रिपोर्ट पेश किया. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने वीरा यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई की.

राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि किन्नरों की आबादी के हिसाब से उनके पुलिस बहाली में आरक्षण का कोटा निर्धारित कर दिया गया है. जब पुलिस में बहाली होगी तो हर जिले में एक पद अधिकारी व 4 पद कांस्टेबल के किन्नरों के लिए आरक्षित होंगे. साथ ही कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2020 के उस आदेश में संशोधन किया जिसमें कोर्ट ने पुलिस बहाली के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी थी. यानी अब पुलिस बहाली की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी.

याचिकाकर्ता वीरा यादव का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है. जो पढ़े-लिखे एवं सभी कार्य में कुशल हैं, उन्हें पुलिस में आरक्षण नहीं मिल रहा है. राज्य सरकार के वकील अजय ने कोर्ट से कहा कि किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बना है, ताकि सामाजिक विसंगतियों को दूर किया जा सके. निकट भविष्य में भी उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी.

बिहार सरकार के वकील अजय ने कोर्ट से कहा कि किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बना है, ताकि सामाजिक विसंगतियों को दूर किया जा सके. निकट भविष्य में भी उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी.

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