पटना राजधानी एक्सप्रेस के साथ हुआ हादसा, बाल बाल बच्चे लोग, इंजन और बोगियां क्षतिग्रस्त
नीलगाय से टकराई Tejas Rajdhani Express; इंजन और बोगियां क्षतिग्रस्त, बाल-बाल बचे यात्री,
नई दिल्ली से आने वाली 12310 राजेंद्र नगर तेजस राजधानी एक्सप्रेस (Tejas Rajdhani Express Accident) रविवार की देर रात प्रयागराज से आगे मेजा रोड हाल्ट स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची।
हालांकि इंजन और बोगियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। घटना का कारण इंजन से नीलगाय का टकरा जाना बताया जा रहा है।
इस ट्रेन से पटना आ रहे पंकज खंडेलिया ने बताया कि ट्रेन तेज गति में थी। प्रयागराज से थोड़ा आगे पहुंचने पर तेज आवाज आने लगी और बोगियां लड़खड़ाने लगीं। इससे यात्रियों की नींद खुल गई। घटना रात करीब 12.30 बजे हुई।
रात बजे प्रयागराज पहुंची थी ट्रेन
क्षतिग्रस्त होने वाली बोगियों में वातानुकूलित प्रथम श्रेणी का एक कोच, अगला पावर कार, पैंट्रीकार एवं वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी की चार बोगियां हैं। इसी ट्रेन से आने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि ट्रेन रात 12.06 बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंची थी। यहां से 12.12 बजे डीडीयू के लिए प्रस्थान कर गई।
ट्रेन प्रयागराज से करीब 40 किमी आगे पहुंची होगी कि कोच में तेज आवाज आने लगी। यात्री भयभीत हो गए। आवाज के साथ ट्रेन की गति पर भी तेजी से ब्रेक लग गया और थोड़ी दूर चलकर ट्रेन रुक गई। घटना लगभग 12.30 बजे की है। ट्रेन (Bihar Train Accident) उस समय मेजा रोड-उंचाडीह के बीच खड़ी हो गई।
किसी तरह ए इंजन को किया गया ठीक
ट्रेन के लोको पायलट व अन्य रेलकर्मियों ने इंजन की पूरी तरह जांच की। एक नीलगाय को ट्रेन के इंजन के नीचे देखा गया। इंजन क्षतिग्रस्त हो गया था। लोको पायलट ने इसकी सूचना कंट्रोल को दे दी। इसके बाद इंजन व आगे की बोगियों में फंसे जानवर के टुकड़े को हटाया गया।
जानवर के टकराने से इंजन के टैंक में रखा लीटर ऑइल भी रेलवे ट्रैक पर बहने लगा। किसी तरह तेल के रिसाव को कम करने की कोशिश की गई, परंतु सफलता नहीं मिली। किसी तरह इंजन को 1.36 बजे दुरुस्त किया गया।
ट्रेन प्रयागराज से करीब 40 किमी आगे पहुंची होगी कि कोच में तेज आवाज आने लगी। यात्री भयभीत हो गए। आवाज के साथ ट्रेन की गति पर भी तेजी से ब्रेक लग गया और थोड़ी दूर चलकर ट्रेन रुक गई। घटना लगभग 12.30 बजे की है। ट्रेन (Bihar Train Accident) उस समय मेजा रोड-उंचाडीह के बीच खड़ी हो गई।
किसी तरह ए इंजन को किया गया ठीक
ट्रेन के लोको पायलट व अन्य रेलकर्मियों ने इंजन की पूरी तरह जांच की। एक नीलगाय को ट्रेन के इंजन के नीचे देखा गया। इंजन क्षतिग्रस्त हो गया था। लोको पायलट ने इसकी सूचना कंट्रोल को दे दी। इसके बाद इंजन व आगे की बोगियों में फंसे जानवर के टुकड़े को हटाया गया।
जानवर के टकराने से इंजन के टैंक में रखा लीटर ऑइल भी रेलवे ट्रैक पर बहने लगा। किसी तरह तेल के रिसाव को कम करने की कोशिश की गई, परंतु सफलता नहीं मिली। किसी तरह इंजन को 1.36 बजे दुरुस्त किया गया।
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