पटना बाढ़ में फंसे लोगों के लिए विशेष सुविधा, इन नंबर पर फ़ोन कीजिये, मदद पहुंच जाएगी

पटना में बाढ़ जैसी विपत्ती देखने को मिल रही है,जिससे पूरा पटना डुब सा गया है। ऐसे हालात में सबसे बड़ी परेशानी आम छात्रों को हो रही है।

NDRF वालों ने यह वाट्सएप नम्बर जारी किया है। इस पर अपनी समस्या और पता, नम्बर भेज कर देखिये। 08544415050

अगर किसी भी भाई बंधु को पटना के किसी भी इलाके में कोई समस्या(जैसे खाने,पीने,रहने,दवाई)आ रही है तो अतिशिघ्र संपर्क करे,हमलोग आप तक पहुँचने की पूरी कोशिश करेंगे।
Osama Khursheed +917654766162 Ujjawal Singh +9199998614 Bittu Bhardwaj +917979817792 Rajeev Pratap Singh Jadaun 9006862073 Tausique Alam 9523171203 Shibli Tabrez 8521752220 Ayush Raj 9576486852

पटना में इन स्थानों पर रुकने की व्यवस्था है। अशोक राजपथ – सुधीर – 7979900617 गोला रोड – डॉ आकांक्षा – 7274939108 एजी कॉलोनी – पुष्यमित्र – 7717768938 कंकड़बाग – प्रख्यात – 8210072553 राजेन्द्र नगर – सोमू – 7004370488 मुसल्लहपुर – दिलीप मेहता – 9835212222 बोरिंग रोड – प्रेम – 9123464578

इसके अलावे भी अन्य स्थानों पर रुकने की व्यवस्था की जा रही है। अगर आपमें से कोई रुकने की व्यवस्था कर सकते हैं तो कृपया मुझे 7004370488 पर बताएं। और भी कोशिश जारी है।

वरिष्ठ पत्रकार पुष्य मित्र के अनुसार लगभग 80 फीसदी पटना शहर जल प्लावित है। हर जगह कम से कम एक फुट पानी तो जमा है ही। जाहिर सी बात है तकरीबन हर मुहल्ले में ग्राउंड फ्लोर वाले घरों में पानी घुस आया होगा। राजेन्द्र नगर, कंकड़बाग, पाटलीपुत्रा आदि मोहल्ले तो लबालब हैं। कमर से छाती भर पानी हर जगह हैं। और इस स्थिति में अभी परसों से पहले सुधार होना नहीं है। जिनके कच्चे मकान हैं, जो झोपड़पट्टी में रहते हैं उनका क्या हाल होगा यह सोच कर जी घबराता है। सरकार ने हेल्पलाइन जारी कर मान लिया कि हमारा काम हो गया। मगर ऐसे लोग रात कैसे गुजरेंगे कहना मुश्किल है।

पटना में आज की रात तो भारी है। कुछ युवाओं ने सोचा था कि आज रात ही गाड़ी लेकर निकलेंगे, बेघर लोगों का हालचाल लेने। उनके सोने का क्या इन्तज़ाम है, मगर यह हो न सका। कल से उनका अभियान चलेगा। उस अभियान को हर तरह की मदद दी जायेगी। मगर आठ दस युवाओं से पटना शहर की लाखों की आबादी की मदद दूर नहीं होगी। राजेन्द्र नगर के गर्ल होस्टलों से बार बार संदेश आ रहे हैं, मगर हम उनकी कोई मदद नहीं कर पा रहे।

इस आपदा से पटना तभी बचेगा, जब हम सभी लोग थोड़े सक्रिय होंगे, खासकर जो सुरक्षित हैं। सोने से पहले आसपास झांक लें कोई व्यक्ति आसरे की तलाश में तो नहीं है। किसी के बच्चे को दूध तो नहीं चाहिये। किसी को कोई मदद तो नहीं चाहिये। इसी तरह से आज की रात कटेगी, मानवता बचेगी। कल फिर सब लोग कुछ और सोचेंगे।

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