आज का पटना साहिब ही है चंद्रगुप्त और चाणक्य का पाटलिपुत्र, खुदाई कर इतिहास को जानेंगे : नीतीश

पटना साहिब ही पाटलिपुत्र, खुदाई कर इतिहास को जानेंगे : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा अभी का पटना साहिब ही पाटलिपुत्र है। पुरातात्विक खुदाई को लेकर यहां से लोगों को विस्थापित करना संभव नहीं है। हमने कहा है कि अगर कहीं सरकारी जमीन है, तो उसको देखकर वहां कुछ खुदाई की जाए, तो बहुत सारी चीजों की जानकारी मिल सकती है। हाल में ऐसी एकाध जगह पहचानी गई है। मुख्यमंत्री, पटना सिटी इलाके के विभिन्न पुरातात्विक स्थलों, निर्माण कार्यों का जायजा लेने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि पाटलिपुत्र का इतिहास लगभग 2 हजार साल पुराना है। अगर एक बार यहां के बारे में कुछ पता चल जाए, तो यहां बहुत टूरिस्ट आयेंगे। यहां का इतिहास और ज्यादा सार्वजनिक होगा। नई पीढ़ी के लोग इसके बारे में और ठीक से जानेंगे, देखेंगे। हमलोगों की यह इच्छा शुरू से रही है लेकिन कहीं कोई जमीन नहीं रहने के कारण कुछ कर नहीं पा रहे हैं।

गुरु का बाग में बन रहे प्रकाश पुंज के चारों तरफ विकास के निर्देश भी दिए
गुरू के बाग में बन रहे ‘प्रकाश पुंज’ को देखा मुख्यमंत्री ने पटना साहिब के गुरू के बाग में बन रहे ‘प्रकाश पुंज’ का जायजा लिया। बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान परियोजना को देखा। कहा-कैंपस के चारों तरफ चयनित पौधे लगाए जाएं। मुख्य द्वार के सामने के तालाब के चारों तरफ पेवर ब्लॉक से रास्ता बने, ताकि टहलने में सहूलियत हो।

बीएनआर टीचर्स ट्रेनिंग व गुलजार प्रेस कैंपस स्थित खुदाई स्थल को भी देखा
उन्होंने गुलजारबाग प्रेस भवन परिसर और बीएनआर टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के पास खुदाई स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने खुदाई को लेकर विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ चर्चा की, उनको निर्देश दिए। कहा-’स्कूल को और विस्तारित किया जाए। एक तरफ खेलने की व्यवस्था होगी और जो जगह बचेगा उसमें खुदाई किया जा सकता है।’

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