बिहार में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा हास्पिटल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण शुरू

निर्माण कार्य की शुरुआत:पीएमसीएच : 9 विभागों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 18 महीने में हाेगा तैयार, 160 बेड होंगे

बिहार को जल्द ही विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल की सौगात मिलेगी। बिहार में पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच) विश्व का सबसे बड़ा अस्पताल बनेगा। इस अस्पताल को लेकर नीतीश सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ सालों में बिहार के लोगों को इलाज के लिए मुंबई या अन्य शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। विश्व के सबसे बड़े इस अस्पताल के लिए 5540करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। पीएमसीएच अस्पताल का विस्तारीकरण तीन चरण में सात वर्ष के भीतर पूरा किया जाएगा। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस काम को और भी पहले कर लेने की आवश्यकता जताई है।

पीएमसीएच में करीब 200 करोड़ की लागत से बनने वाले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य बुधवार से शुरू हो गया। 18 महीने में अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेज-4 (पीएमसएसवाई) के तहत इसका निर्माण हो रहा है। इस परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था।

160 बेड वाले इस अस्पताल में करीब नौ सुपर स्पेशियलिटी विभाग होंगे। इनमें न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी, नियोनैटोलॉजी व पेडिएट्रिक सर्जरी, हेमेटोलॉजी, रेडियोथेरेपी और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग शामिल हैं। प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और अधीक्षक डॉ. विमल कारक ने नारियल फोड़कर निर्माण कार्य की शुरुआत कराई। मौके पर सीपीडब्लूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर चंदन कुमार, ओएसडी डॉ. कुमार अरुण और डॉ. राणा मौजूद थे।

इस अस्पताल में ओपीडी और इंडोर की सुविधा होगी। हर विभाग का अपना ओटी होगा। आईसीयू में 51 बेड की व्यवस्था होगी। मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा होगी। अधीक्षक के मुताबिक इन नौ विभागों में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा बहाल हो जाने से राज्य के मरीज को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इन सभी विभागों की चिकित्सकीय सुविधा राज्य के मरीज को एक छत के नीचे मिलेगी। इसमें सभी आधुनिक उपकरणों होंगे। यह निर्माण इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान के पीछे हो रहा है।

एम्स पटना के सराहनीय कार्य को देखते हुए राज्य सरकार ने इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया है। इसके पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली एम्स को राष्ट्रीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित करते हुए सभी राज्य सरकारों को अपनी राजधानी में एक कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाने को कहा था। अब राज्य में काेराेना के इलाज व रोकथाम के उपायों की योजना व स्वास्थ्यकर्मियों का प्रशिक्षण व पर्यवेक्षण एम्स पटना करेगा। निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह व नोडल अफसर डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि राज्य के मेडिकल काॅलेज अस्पताल व जिला के चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण देने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

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