फोन पर तलाक… तलाक…तलाक, रुखसाना 2 बच्चे की मां, शौहर ने 5 माह पहले घर से निकाला, अब जिंदगी से

तीन तलाक गुनाह है। कानूनी तौर पर भी अपराध, लेकिन भुवनेश्वर बैठे-बैठे सिकंदर ने अपनी बीवी को कॉल किया और बोल दिया-तलाक, तलाक, तलाक। बस इन तीन शब्दों ने एक झटके में ही उस रिश्ते को चकनाचूर कर दिया, जिस पर इस दुनिया की बुनियाद टिकी है। तलाक देने वाले ने यह भी नहीं सोचा की उस औरत की उम्र महज 27 साल है, साथ में दो-दो बच्चों की मां है। पहाड़ जैसी जिंदगी और बच्चों को लेकर वह कहां जाएगी।

तीन तलाक का यह मामला शेखपुरा के अरियरी प्रखंड स्थित चौढ़ दरगाह गांव का है। यहां की रुख्साना परवीन आज SP के पास फरियाद लेकर पहुंची है। उसने पति सिकंदर और ससुराल वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए महिला थाने में आवेदन दिया है। पीड़िता ने बताया कि उसने अपनी फरियाद SP के सामने रखी। इस पर SP कार्तिकेय के. शर्मा ने दो दिन का टाइम लिया है। कहा है कि दो दिन में अगर उसका पति उससे संपर्क नहीं करेगा तो FIR दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

आज के बाद मेरा-तुम्हारा रिश्ता खत्म
रुख्साना और उसके परिवार वाले सदमे में हैं। पीड़िता ने थाने में दिए आवेदन में बताया है कि एक सप्ताह पहले ससुराल से कॉल आया कि फोन ऑन रखना तुम्हारा शौहर कुछ बात करेगा। वह फोन ऑन रखे हुई थी, तभी फोन पर शौहर ने तलाक दे दी। इसके बाद वह बोला कि आज के बाद मेरा-तुम्हारा रिश्ता खत्म। तुम अपना देखो, मैं अपना देखूंगा। ससुराल वालों की तरफ से हुई पूरी ज्यादती का जिक्र करती हुई रुख्साना ने अपने आवेदन में बताया है कि साढे छह साल पहले उसकी शादी नवादा जिले के अंसार नगर कमालपुर निवासी सिकंदर से हुई थी। आरोप लगाया है कि दहेज के लिए उसे घर से निकाल दिया गया और 7 दिन पहले शौहर ने फोन पर तलाक देकर अपनी जिंदगी से दरकिनार कर दिया। रुख्साना ने बताया है कि उसकी शादी में पिता ने अपनी हैसियत के मुताबिक ससुराल वालों को डेढ़ लाख रुपए, गहने-जेवर और साज-ओ-सामान दिए थे। शादी के कुछ दिन ही बीते थे कि दहेज के लिए उसकी सास, ननद, नन्दोसी और देवर दहेज के लिए उसे प्रताड़ित करने लगे। मारपीट कर कमरे में बंद कर दिया जाता था, खाना-पीना सबकुछ बंद कर दिया जाता था। 5 महीने पहले सारा सामान छीन कर घर से निकाल दिया तो वह मायके आकर रहने लगी। अब शौहर ने रिश्ता ही तोड़ दिया।

भारत में तीन तलाक अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। मौखिक, लिखित या किसी अन्य माध्यम से पति अगर एक बार में अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो वह अपराध की श्रेणी में आएगा। तीन तलाक देने पर पत्नी खुद या उसके करीबी रिश्तेदार ही इस बारे में केस दर्ज करा सकेंगे। पुलिस बिना वारंट के तीन तलाक देने वाले आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती है। एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी। मजिस्ट्रेट पीड़िता का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे। तीन तलाक देने पर पत्नी और बच्चे के भरण-पोषण का खर्च मजिस्ट्रेट तय करेंगे, जो पति को देना होगा। तीन तलाक पर बने कानून में छोटे बच्चों की निगरानी और रखावाली मां के पास रहेगी। कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है।

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