बिहार में पहली बार प्लाज्मा थेरेपी से पटना एम्स में काेराेना मरीज का हो रहा इलाज

Patna: पटना एम्स में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज प्लाज्मा थेरेपी के जरिए शुरू हाे गई है। पहली बार पटना के 36 साल के मरीज की प्लाज्मा थेरेपी की गई। प्लाज्मा थेरेपी के बाद मरीज की स्थिति पहले से बेहतर है। मरीज अभी आईसीयू में हैं। पर उम्मीद है जल्द ही आईसीयू से बाहर आ जाएगा। इसकी पुष्टि ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ. नेहा सिंह ने की। 

उन्होंने बताया कि चार डॉक्टरों की टीम ने मरीज की प्लाज्मा थेरेपी की। इसमें डॉ. सीएम सिंह, डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. देवेंदु और डॉ. नेहा सिंह शामिल हैं। निदेशक डॉ. पीके सिंह ने कहा कि आईसीएमआर की गाइडलाइन के तहत अभी एक मरीज की प्लाज्मा थेरेपी की गई है। डॉ. नेहा ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी के लिए हर मरीज के लिए पहले आईसीएमआर से अनुमति लेनी पड़ती है। पटना एम्स में भर्ती कोरोना के कई अाैर गंभीर मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाने के लिए आईसीएमआर से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलते ही उन्हें भी प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। 

काेराेना काे हरा चुके लाेगाें से प्लाज्मा देने की अपील
डॉ. नेहा ने बताया कि प्लाज्मा डोनेशन के लिए कोरोना से जंग जीत चुके लोग आगे आने लगे हैं। पर जरूरत के अनुसार प्लाज्मा डोनेशन काफी कम है। अभी तक सिर्फ छह लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है। जितने अधिक लोग प्लाज्मा डोनेट करेंगे उतने ही अधिक कोरोना के गंभीर मरीजों की प्लाज्मा थेरेपी संभव हो पाएगी। जितने तरह के ग्रुप का प्लाज्मा मिलेगा उतने ही अधिक कोरोना मरीजों के इलाज में फायदा होगा। प्लाज्मा डोनेट करने के लिए इच्छुक होने पर घर से लाने और पहुंचाने की भी व्यवस्था है। डोनर को 500 रुपए भी दिए जाते हैं। इच्छुक कोरोना से ठीक हुए मरीज पटना एम्स के ब्लड बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

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