PM मोदी ने जिस सोलर प्लांट का किया उद्धघाटन, वो नहीं है एशिया का सबसे बड़ा सोलर केंद्र- अर्थशास्त्री का दावा

मध्य प्रदेश के रीवा में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 750 MW के सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यह एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट है। लेकिन अर्थशास्त्री रूपा सुब्रमण्यम का कहना है कि मीडिया झूठ बोल रहा है और यह एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट नहीं है।

रूपा ने ट्वीट कर लिखा “एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट मध्य प्रदेश के रीवा में नहीं है। जैसा की पिछले एक हफ्ते से भारत की बिकाऊ मीडिया रिपोर्ट कर रही है। एशिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा प्लांट कर्नाटक के पवागडा में है इसका उद्घाटन 2018 में तत्कालीन कांग्रेस सीएम सिद्धारमैया ने किया था। रीवा के 750 मेगावाट के मुक़ाबले कर्नाटक का सोलर पार्क 2050 मेगावाट के साथ दुनिया का सबसे बड़ा प्लांट है।”कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने रूपा के ट्वीट को रीट्वीट कर लिखा ” राज्य प्रायोजित फेक समाचार को काउंटर करने के लिए धन्यवाद।”

बता दें पीएम मोदी ने सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर कहा “मध्य प्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। इससे हमारे किसानों, मध्यम और गरीब परिवारों और आदिवासियों को फायदा होगा। हमारी संस्कृति में सूर्य का विशेष महत्व रहा है।” उन्होंने एक संस्कृत के श्लोक से समझाया कि जो उपासना के योग्य सूर्य हैं, वे हमें पवित्र करें। सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है। रीवा में ऐसा ही अहसास हो रहा है।’

इस मौके पर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज रीवा ने इतिहास रच दिया। रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही और अब इसमें एशिया का सबसे बड़े पावर प्रोजेक्ट का नाम जुड़ गया। ऊपर से देखने से लगता है कि खेतों में सोलर पैनल मौजूद हैं। इसके लिए मैं मध्य प्रदेश और रीवा के लोगों को बधाई देता हूं शुभकामनाएं देता हूं। इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा प्रधानमंत्री ने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी।’

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