राजीव गांधी की नकल कर रहे हैं PM मोदी, झूठ बोलकर बार-बार बन रहे हैं ‘पप्पू नं 1’

PATNA : रडार मामले के बाद पीएम मोदी को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा की 1987 में उनके पास एक बड़ा सा डीजिटल कैमरा हुआ करता था। उन्होंने आडवाणीजी के एक कार्यक्रम का फोटो लेकर किसी अखबार को अटैच कर दिया। अगले दिन रंगीन कवर फोटो अखबार में छपा। जानकारों की माने तो पीएम मोदी झूठ बोल रहे हैं। उस समय तक ना तो भारत में डीजिटल कैमरा आया था और ना ही ईमेल की सुविधा उपलब्ध थी।

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वरिष्ठ पत्रकार कुमुदा सिंह कहती हैं की- मोदी को समझने के लिए आपको चौराहे पर बैठना होगा। 6 रुपये की उबली हुई चाय पीनी होगी। करीम में कबाब खाने से आप मोदी की फिक्‍वेंसी नहीं पकड सकते हैं। मोदी किसी बेरिस्‍टर के प्रतिनिधि नहीं हैं। वो जिस समाज से हैं, वो जिस समाज के हैं वो आज बहुमत में है। इसलिए मोदी प्रधानमंत्री हैं।


अब देखिए मोदी जी को यह तस्‍वीर दिखायी गयी। राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री के विशेष विमान से यात्रा करने के दौरान अपने लैपटॉप पर काम कर रहे हैं। मोदी ने देखा लैपटॉप है तो इमेल भी होगा। मोदी के अंदर का कुंठा जाग गया। वो खुद को बडा और समृद्ध बताने के लिए शुक्र मनाइये कि केवल इमेल का जिक्र किया, ये नहीं बताया कि वो मेल लैपलॉप से किया या डेस्‍कटॉप से। मोदी लैपलॉप वर्जन बता सकते थे। कह सकते थे कि उन्‍होंने नया नया पेंटियम-5 और 2 जीबी रैम वाला लैपलॉप लिया था। उसकी स्‍पीड अच्‍छी थी। वहां इतना कौन माथा खर्च करता है जी..कभी चाय की दुकान पर बैठे हैं आप..दिल्‍ली के लुटियन और पटना के मुइन्‍स जोन से बाहर एक दुनिया है जो मोदी की तरह ही सोचती है..मोदी उसी के नेता है.. राजीव लैपटॉप चला सकते हैं और गरीब चायवाले का बेटा जो ओबीसी तबके से आता है वो इमेल भी नहीं कर सकता है। अब इस देश में हिंदूओं को इतना भी फेंकने का हक नहीं है।

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