कैब पर PM मोदी का मास्टर स्ट्रोक, कहा- संसद से पास बिल का विरोध देश का अपमान

रामलीला मैदान में प्रघानमंत्री ने लोगों से कहा कि देश की दोनों सदनों का सम्मान कीजिए। खड़े होकर सम्मान कीजिये। बस मैदान में जोशीला माहौल बन गया। लोग खड़े होकर मोदी मोदी करते रहे। किसी को भी लगेगा कि क्या मास्टर स्ट्रोक है।

लेकिन लोकसभा और राज्य सभा में जब यह बिल लाया गया तो चर्चा में प्रधानमंत्री ने भाग लिया? जवाब है नहीं। क्या चर्चा के वक्त प्रधानमंत्री सदन में थे ? जवाब है नहीं। क्या प्रधानमंत्री ने बिल पर हुए मतदान में हिस्सा लिया? जवाब है नहीं। क्या आप यह बात जानते थे या मीडिया ने आपको यह बताया है? जवाब है नहीं। क्या मीडिया आपको बताएगा? तो जवाब है नहीं।

संसद के बनाए क़ानूनों का खुद उनकी पार्टी कई बार विरोध कर चुकी है। संसद के बनाए क़ानून की न्यायिक समीक्षा होती है। उसके बाद भी विरोध होता है। सुप्रीम कोर्ट भी अपने फ़ैसलों की समीक्षा की अनुमति देता है।

आज समर्थन में कई जगहों पर रैलियाँ हुईं। बीजेपी के कार्यकर्ता हाथ में तिरंगा लिए गो,ली मारने के नारे लगा रहे थे। क्या यह लोकतंत्र का सम्मान है? क्या यह संविधान का सम्मान है? क्या उसी लोकसभा और राज्यसभा में विरोध करने वाले जनता के प्रतिनिधियों का सम्मान है? जवाब है नहीं।

रविश कुमार

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