बिहार के सबसे बड़े अस्पताल PMCH में घुसा बाढ़ का पानी, वार्ड में तैर रही है मछलियां

पीएमसीएच में घुसा पानी, फरक्का गेट न खुला तो डूब जाएंगे 12 जिले : उत्तर एवं दक्षिण बिहार की नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण गंगा एवं उसकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढने से राज्य में बाढ़ का खतरा इतना बढ़ गया है कि मुख्यमंत्री नीतीष कुमार कोको पीएम कार्यालय के समक्ष गुहार लगानी पड़ी कि वह जल्दी से फरक्का गेट खुलाये नहीं तो 12 जिले बाढ़ में डूब जाएंगे।

राजधानी में गंगा नदी के जलस्तर में जबर्दस्त वृद्धि हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शनिवार को गंगा नदी बक्सर में खतरे के निशान से 55 सेंटीमीटर, पटना के दीघा में 43 सेंटीमीटर, गांधीघाट पर 114 सेंटीमीटर, हाथीदह में 84 सेंटीमीटर, भागलपुर में 3 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी। लगातार बारिष की वजह से रविवार को गंगा का पानी पीएमसीएच के अंदर भी घुस गया है। उधर एम्स की सड़क झील में तब्दील हो गई है।

दियारा के गांव पूरी तरह से घिर गए हैं। वहीं फरक्का बराज से गंगा के पानी का पर्याप्त डिस्चार्ज नहीं होने से 12 जिलों में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री को पीएम कार्यालय के समक्ष फरक्का बराज से पानी के डिस्चार्ज की मात्रा बढ़ाए जाने के लिए गुहार लगानी पड़ी।

सरकार का मानना है कि यदि फरक्का से गंगा के पानी का पर्याप्त स्राव नहीं हुआ और यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, लखीसराय, खगड़िया, कटिहार और भागलपुर में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। बहरहाल फिलहाल राज्य सरकार के अफसर दफ्तर में बैठ कर स्थिति की समीक्षा कर रहे है तथा एसडीआरएफ के जवान गांधीघाट, गायघाट और पाटीपुल घाट से गंगा में गश्त कर रहे हैं। राहत की बात यह है कि अभी कोई गांव बाढ़ में नहीं डूबा है।

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