फिर चला बिहार के लाल पृथ्वी शॉ का बल्ला, न्यूजीलैंड के खिलाफ ठोका शतक, चौक्के-छक्के की बरसात

पृथ्वी शॉ ने भारत-ए के लिए न्यूजीलैंड एकादश के खिलाफ दूसरे अभ्यास मैच के दौरान 100 गेंद में 150 रन की आक्रामक शतकीय पारी खेलते हुए चोट के बाद शानदार तरीके से वापसी की। भारतीय सीनियर टीम में वापसी की कोशिश में जुटे 20 साल के शॉ ने इस बेहतरीन पारी के दौरान 22 चौके और दो छक्के जमाए। भारत-ए ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 49.2 ओवर में 372 रन का स्कोर बनाया। जवाब में न्यूजीलैंड एकादश की टीम सलामी बल्लेबाज जैक बॉयल की 130 रन की शतकीय पारी के बावजूद निर्धारित 50 ओवर में छह विकेट पर 360 रन बनाकर मुकाबला 12 रन से हार गई।

शॉ की पारी से निश्चित रूप से चयनकर्ता खुश होंगे, क्योंकि उन्हें न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज के लिए टीम का चयन करना है। आठ महीने के डो¨पग प्रतिबंध से वापसी करने के बाद शॉ शानदार फॉर्म में थे, लेकिन मुंबई के कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के शुरुआती दिन उनके कंधे में चोट लग गई, जिससे वह न्यूजीलैंड में भारत-ए के पहले अभ्यास मैच में नहीं खेल पाए।

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बताते चले की पृथ्वी शॉ के पिता पिता पंकज शॉ मूल रूप से बिहार के गया जिले के मानपुर गांव के रहने वाले हैं। लेकिन पृथ्वी का जन्म मुंबई के विरार इलाके में 9 नवंबर 1999 को हुआ था और उनका व्यक्तिगत रूप से बिहार से कोई ताल्लुक नहीं रहा है। फिलहाल पृथ्वी के पिता पंकज भी मुंबई में ही रहते हैं। वह पृथ्वी के जन्म से पहले ही मुंबई चले गए थे और वहां कपड़े की दुकान चलाते थे। अब बिहार के गया जिले में मानपुर, शिवचरन लेन में पृथ्वी के दादा अशोक शॉ और दादी रामदुलारी रहती हैं। वह अपने घर में ही बालाजी कटपीस नाम से कपड़े की दुकान चलाते हैं।

पृथ्वी के बिहार स्थित पैतृक गांव में दादा अशोक ने बांटी मिठाइयां
पृथ्वी ने जब शतक लगाया तो उनके दादा अशोक शॉ ने पड़ोसियों के घर मिठाइयां बांटी। वह अपने पोते की इस उपलब्धि से बहुत खुश हैं। पृथ्वी के शतक लगाने के बाद उनके पैतृक निवास स्थान पर पड़ोसी भी फूले नहीं समा रहे हैं। लोगों ने ढोल बाजे के साथ पृथ्वी के दादा अशोक शॉ को मिठाई खिलाई और बधाईयां दीं। पृथ्वी जब 4 साल के थे तब उनकी मां का नि/धन हो गया था। जिसके बाद उनके पिता पंकज ने ही मां का भी फर्ज अदा किया। दादा अशोक शॉ ने बताया कि हमारा बेटा पंकज शॉ मुंबई के विरार में रहता है। वह कपड़े का छोटा मोटा व्यवसाय करता था, वहीं पोता पृथ्वी शॉ का जन्म हुआ था।

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