निजी जमीन पर खुदवाए तालाब, डेढ़ लाख रुपए अनुदान देगी नीतीश सरकार
PATNA : बिहार में निजी जमीन पर तालाब खुदवाने के लिए राज्य सरकार अनुदान देगी। यह फैसला राज्य में भूगर्भ जलस्तर के लगातार नीचे जाने की शिकायतों से उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए लिया गया है। अनुदान का लाभ सभी वर्ग के लोगों को मिलेगा। यह योजना मछली पालन के लिए तालाब खुदवाने पर अनुदान देने की योजना से अलग है। इसमें मछली पालन की शर्त नहीं रखी गई है।
राज्य में पिछले कई वर्षों से भूगर्भ जलस्तर के लगातार नीचे जाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। इसका बड़ा कारण है कि तालाब व बड़े नाले भरे जा रहे हैं। जो बच भी गये हैं वह तापमान के अधिक होने पर सूख जा रहे हैं। तालाबों की संख्या बढ़ने से पानी मिट्टी में रिचार्ज होगा और सूखने की समस्या कम होगी।
लघु जल संसाधन विभाग ने तालाब खुदवाने के लिए अनुदान देने की योजना पर अपनी मुहर लगा दी है। जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर इसे जमीन पर उतारा जाएगा। अनुदान की राशि 12 रुपये प्रति वर्गफीट के हिसाब से तय होगी। अनुसूचित जाति को अधिकतम डेढ़ लाख और सामान्य वर्ग को अधिकतम सवा लाख रुपये अनुदान के रूप में मिलेगा। यानी सामान्य वर्ग के लोग अधिकतम साढ़े दस हजार वर्गफीट और अनुसूचित जाति के लोग साढ़े 12 हजार वर्गफीट में तालाब का निर्माण करा सकते हैं।
सरकार ने भूगर्भ जल के रिचार्ज को पहले से चल रहीं सरकारी योजनाओं के अलावा निजी तालाब खोदने के लिए प्रोत्साहित करने की योजना बनाई है। इसके पहले लघु जल संसाधन विभाग सरकारी आहर व पइनों की उड़ाही योजना पर काम कर रहा है। दो वर्षों से बनी यह सरकारी योजना पहले साल तो जमीन पर उतर ही नहीं सकी, दूसरे साल काम शुरू हुआ तो लगभग दो आहरों की उड़ाही का काम हो सका। सरकार की यह योजना सिंचाई के लिए बनी है, लेकिन जमीन की मिट्टी में पानी रिचार्ज तो इससे भी होगा। योजना में दक्षिण बिहार के जिलों के 1500 आहरों की उड़ाही की जानी है।
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