हिं’दू लड़के से शादी करना चाहती है नाबालिग मु’स्लिम लड़की, कोर्ट बोला— विवाह करने को स्वतंत्र हो
NEW DELHI – यौवन हासिल करने के बाद मुस्लिम लड़की अपनी मर्जी से शादी करने को स्वतंत्र, काेर्टपंजाब और हरियाणा हाईकाेर्ट का 17 साल की लड़की के हक में फैसला : पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 17 साल की मुस्लिम लड़की और हिंदू युवक की शादी को लेकर अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यौवन हासिल करने के बाद मुस्लिम लड़की किसी से भी शादी करने के लिए स्वतंत्र है।
लड़की ने अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ जाते हुए हिंदू युवक से शादी की थी। काेर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का जिक्र करते हुए कहा कि लड़का-लड़की दोनों राजी हैं तो परिवार वालों को इसमें दखल देने का कोई हक नहीं है। जस्टिस हरनरेश सिंह गिल ने कहा- मुस्लिम लड़की की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ के जरिए होती है। सिर्फ इस बात से कि उसने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी कर ली है, उन्हें संविधान के तहत मिले मूलभूत अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता।’
दलील : मुस्लिम कानून में यौवन और प्रौढ़ता एक ही चीज
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुस्लिम कानून के मुताबिक यौवन और प्रौढ़ता एक ही चीजें हैं। इसके मुताबिक यह माना जाता है कि 15 साल की उम्र में प्रौढ़ता हासिल हो जाती है। जो भी मुस्लिम लड़का या लड़की यौवन हासिल कर लेते हैं, वे किसी से भी शादी के लिए स्वतंत्र हैं।
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