1 जुलाई से जग्गननाथ पूरी में रथ यात्रा, तैयारी शुरू, इस बार 12-15 के लाख आने की संभावना है

अगली रथयात्रा तक पूरा संवर जाएगा पुरी मंदिर, अतिक्रमण हटने से एक किमी दूर से नजर आने लगा मंदिर : ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में 9 दिनी रथयात्रा एक जुलाई से शुरू हो रही है। रथ बनाने का काम जोरशोर से चल रहा है। इस बार यह भगवान जगन्नाथ मंदिर से एक किलोमीटर दूर पार्किंग से ही नजर आ रहा है। मंदिर परिसर के आसपास अतिक्रमण साफ हो चुका है। आसपास के 20 मठ भी हटा दिए गए हैं। इसलिए मंदिर भी दूर से देखा जा सकता है। इस बदलाव की वजह है श्री जगन्नाथ मंदिर परिसर कॉरिडोर का कायाकल्प। राज्य सरकार ने मार्च 2023 तक मंदिर परिसर को संवारने का लक्ष्य तय किया है। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद श्रद्धालु पार्किंग से डेडिकेटेड रास्ते के जरिए सीधे मंदिर के उत्तर द्वार पहुंच सकेंगे। मुख्य सड़क पर ट्रैफिक नहीं रहेगा।

पुरी का जगन्नाथ मंदिर परिसर 19 एकड़ में फैला है। इसमें 7 एकड़ में मंदिर है। 12 एकड़ में विकास कार्य होने हैं। पूरा परिसर (7 एकड़ छोड़कर) चौकोर आकार में विकसित होगा। इसकी 7 लेयर होंगी:

पहली लेयर: यह बफर जोन रहेगा। मंदिर भवन से 7 मीटर के दायरे में कोई प्रवेश नहीं कर सकेगा। पुजारी भी नहीं।
दूसरी लेयर: अंदरूनी परिक्रमा पथ 10 मीटर चौड़ा होगा। रथयात्रा के दौरान मंदिर की मूर्तियां लाने वाले मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोग ही आ-जा सकेंगे।
तीसरी लेयर : लैंड स्कैप 14 मीटर चौड़ा होगा। इस जगह बगीचे, फुटपाथ और रैंप होंगे। आम श्रद्धालु बैठकर मंदिर निहार सकेंगे।
चौथी लेयर : बाहरी परिक्रमा पथ 8 मीटर चौड़ा होगा। श्रद्धालु परिक्रमा कर सकेंगे। परिक्रमा के लिए बैटरीचलित रिक्शा इस्तेमाल कर सकेंगे।
पांचवीं लेयर: 10 मीटर चौड़ी होगी। शौचालय, क्लॉक रूम, रेस्टरूम जैसी जन-सुविधाएं बनेंगी।
छठी लेयर: सर्विस लेन 4.5 मीटर चौड़ी होगी। इसमें सिर्फ एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन आ-जा सकेंगे।
सातवीं लेयर: आउटर एरिया रोड होगा। 20 मीटर चौड़ी सड़क से श्रद्धालु ऑटो, बैटरी रिक्शा से आ-जा सकेंगे।

100 साल में पहली बार मंदिर की पूरी बाउंड्री वॉल दिखाई देगी
{कोरोना के पहले रथयात्रा में 7-10 लाख श्रद्धालु आते थे। इस बार 12-15 के लाख आने की संभावना है। विकास कार्य पूरे होने पर 25 लाख श्रद्धालुओं की क्षमता होगी।
{100 सालों में पहली बार मंदिर की बाउंड्री वॉल (मेघानंद प्राचीर) पूरी तरह दिखाई देगी।
{श्रद्धालुओं के लिए 3 धर्मशाला बनेंगी। मौजूदा पार्किंग परिसर चार मंजिला होगा। सूचनाएं देने के लिए नया सूचना केंद्र भी बनेगा।
{श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने कुल 3200 करोड़ रु की योजना बनाई है, जो चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी।
{प्रोजेक्ट इंजीनियर देवी प्रसन्न घोष के मुताबिक, शुरुआती 331 करोड़ सिर्फ 12 एकड़ के विकास और पुनर्निर्माण के लिए हैं। 12 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
{विकास कार्य कराने की जिम्मेदारी संभाल रही ओडिशा ब्रिज कंस्ट्रक्शन कंपनी के एमडी जेके दास कहते हैं कि पूरा काम टाटा प्रोजेक्ट कर रही है।
{विकास कार्य पूरे होने के बाद पुरी विरासत का अंतरराष्ट्रीय स्थल बन जाएगा। मंदिर के साथ पुरी नगर का भी कायाकल्प होगा।
7 लेयर में होगा पूरा परिसर, मंदिर 7 एकड़ में रहेगा
{ कायाकल्प से ओपन स्पेस 5 एकड़ से बढ़कर 25 से अधिक एकड़ हो जाएगी। सड़क मेघानंद प्राचीर से 55 मीटर दूर हो जाएगी, जो अभी मंदिर से लगी हुई है।
ओडिशा में भगवान जगन्नाथ मंदिर कॉरिडोर का कायाकल्प, एक साथ 25 लाख श्रद्धालु आ सकेंगे

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