बिहार के PVT स्कूल मालिकों को झटका, 6 लाख बच्चों का एडमिशन फी,मंथली फी लौटाना होगा
निजी स्कूल छह लाख बच्चों की फी लौटाएंगे : लगता है बिहार सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए सख्त फैसला लेने का मन बना लिया है. कल हमने आपको बताया था कि बिहार सरकार ने 2000 से अधिक प्राइवेट स्कूलों की मान्यता को रद्द करने का फैसला लिया है तो वहीं आज एक नई खबर सामने आ रही है. बताया जाता है कि जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है उनकी स्कूल मालिकों को लगभग 600000 से अधिक बच्चों का एडमिशन फीस और मंथली फीस लौटाना होगा.
राज्य के जिन 2005 निजी स्कूलों का यू-डायस कोड बंद किया गया है, उनमें फिलहाल 6 लाख एक हजार 500 विद्यार्थियों का दाखिला है। अब इन निजी स्कूलों को सभी नामांकित बच्चों की फीस वापस करनी होगी।
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा अभिभावकों को पैसे वापस करने का आदेश दिया गया है। इस बाबत जिला शिक्षा कार्यालयों को पत्र लिखा गया है। जितने भी बच्चे स्कूल में नामांकित हैं, उनका साल बर्बाद न हो, इसके लिए सरकारी स्कूलों में नामांकन भी करवाने की जिम्मेवारी दी गयी है। बता दें कि राज्य के 2005 निजी स्कूलों द्वारा यू-डायस पोर्टल पर बच्चों की जानकारी नहीं देने पर बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने उनके यू-डायस कोड को रद्द कर दिया है। अब ये स्कूल हमेशा के लिए बंद हो जायेंगे। सीबीएसई क्षेत्रीय कार्यालय और आईसीएसई की मानें तो कुल 2005 स्कूलों में से 805 स्कूलों ने नौवीं और दसवीं तथा 534 स्कूलों ने 11वीं और 12वीं की मान्यता के लिए आवेदन दिया था। शेष स्कूल आठवीं तक चल रहे थे। ये स्कूल भी बोर्ड से मान्यता लेने की तैयारी कर रहे थे। इनमें औसतन तीन सौ बच्चे नामांकित हैं।
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