‘टा’इम ब’म पर सवारी कर रहा है रियल एस्टेट-कंस्ट्रक्शन-इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, कभी भी फ’ट सकता है’

‘रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर टा’इम ब’म पर सवारी कर रहा है जो कभी भी फट सकता है’-रघुराम राजन

आर्थिक सुस्ती के कारण रियल एस्टेट सेक्टर पर काफी दबाव है। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने चेतावनी देते हुए कहा कि रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर टा’इम ब’म पर सवारी कर रहा है जो कभी भी फट सकता है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इन सेक्टर को सबसे ज्यादा कर्ज नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनीज (NBFCs) से मिला है। इसलिए इनकी माली हालत भी खराब है और शैडो बैंकिंग को अपने असेट पर गौर करना चाहिए।

इंडिया टुडे मैगजीन में अपने लेख में रघुराम राजन ने ग्रामीण क्षेत्रों पर आर्थिक दबाव का गंभीरता से जिक्र किया। विकास दर घट रही है और दूसरी तिमाही में यह 4.5 फीसदी पर पहुंच चुकी है। बेरोजगारी की समस्या विकराल होती जा रही है। NBFCs कर्ज बांटने की हालत में नहीं रह गई हैं। बैड लोन का आकार बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण लोन बांटने की प्रक्रिया धीमी हुई है।

रिजर्व बैंक को सलाह देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि उसे NBFCs का असेट क्वॉलिटी रीव्यू करना चाहिए। गुरुवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि RBI टॉप-50 शैडो बैंकिंग पर नजर रखता है। इन पचास NBFCs के पास शैडो बैंकिंग का करीब 75 फीसदी असेट्स हैं। ऐसे में कहां कमी है और कहां दबाव है, इसका अंदाजा रिजर्व बैंक को है।

भारत में रियल एस्टेट सेक्टर की हालत का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये (47 अरब डॉलर) के प्रॉजेक्ट फंसे हुए हैं। 4.65 लाख यूनिट घर निर्माण की प्रक्रिया बीच में अटकी पड़ी है। रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्रॉजेक्ट के पूरा होने में 2-8 साल का वक्त लग सकता है।

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