रेलवे में लाकडाउन हुआ खत्म, सभी ट्रेनों को चलाने की तैयारी शुरू, अब नहीं देना होगा डबल किराया

काेराेना के चलते देश में ट्रेनें अब भी लॉक हैं। स्पेशल ट्रेनें शुरू तो हुईं, लेकिन लोगों को इनमें दोगुना किराया देना पड़ रहा है। ऐसे में एक अच्छी खबर है- रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि मार्च तक सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू हो सकती हैं। यानी कोरोना संक्रमण में कमी अाते देख रेलवे अब नियमित ट्रेनाें काे दाेबारा पटरी पर लाने की तैयारी में है। राज्याें की सहमति और उनकी मांग के आधार पर रेलवे फरवरी-मार्च तक बाकी ट्रेनों का संचालन शुरू कर सकता है। देश में काेरोना संक्रमण से पहले कुल करीब 12 हजार यात्री ट्रेन चल रही थीं। रेल मंत्रालय के मुताबिक अभी 1700 मेल-एक्सप्रेस ट्रेन में से 1100 से अधिक चल रही हैं। पांच से छह हजार सब अर्बन ट्रेनों में से 90% चल रही हैं। इंटर स्टेट ट्रेन करीब 3.5 हजार हैं जिनमें से करीब 300 ही चल रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य और गृह मंत्रालय कोरोना की स्थिति का रिव्यू कर रिपोर्ट देंगे। महाराष्ट्र और केरल को छोड़ सभी राज्यों में कोराेना अब काबू में है। इसलिए माना जा रहा है ट्रेन संचालन जल्द नाॅर्मल हो जाएगा।

महाराष्ट्र: छोटी दूरी के लिए भी दोगुने से ज्यादा किराया देना पड़ रहा
पहले विभिन्न जोन से जुड़ी 2,226 ट्रेने चल रही थीं, अभी 1745 हैं। भुसावल-मुंबई जैसे व्यस्त रूट पर भी दोगुने से ज्यादा किराया है। इस रूट पर पैसेंजर का किराया 85 रु., एक्स. का 300 और फेस्टिवल ट्रेन का 800 रु. है। पैसेंजर और लोकल ट्रेनें शुरू करने के लिए राज्य ने सिफारिश भेजी है। राज्य परिवहन की 16 हजार बसों में से अभी 13 हजार बसों का संचालन हो रहा है।

मप्र: लंबे रूट की ट्रेनों में 200 से 800 रुपए अतिरिक्त चार्ज देना पड़ रहा
पहले पश्चिम मध्य रेल जोन के रूट पर 608 मेल-एक्स. व पैसेंजर ट्रेनें थीं। अभी यहां तीन मंडलों में 162 ही चल रही हैं। गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी रूट पर किराया सामान्य है। फेस्टिवल स्पेशल और दूसरे रूट पर चल रही ट्रेनों में लंबे रूट का 200 से 800 रु. अतिरिक्त चार्ज है। रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य निरंजन वाधवानी के अनुसार नियमित ट्रेन शुरू करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

बिहार: पहले 463 मेल-एक्स्प्रेस ट्रेनें चलती थीं, अभी 205 ही चल रहीं
कोरोना काल में बिहार में अब तक ट्रेनों का सामान्य परिचालन शुरू नहीं हुआ है। इससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। कोरोना के कारण ट्रेन बंदी के बाद स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ, लेकिन संख्या कम रहने के कारण यात्रियों को राहत नहीं मिली। अभी जनसाधारण जैसे जनरल ट्रेनों में भी रिजर्वेशन चार्ज के तौर पर 15 रुपए अतिरिक्त लिए जा रहे हैं। इसी तरह सभी मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोच को 2 एस में तब्दील कर दिया गया है और रिजर्वेशन के नाम पर 15 रुपए लिए जा रहे हैं। लॉकडाउन से पहले पूर्व मध्य रेल में 463 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता था, अभी कुल 205 ट्रेनें ही चलाई जा रही हैं। कोरोना काल से पहले 382 लोकल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन होता था, अभी 21 लोकल स्पेशल ट्रेनों से ही रेलवे काम चला रहा है। मेमू और दूसरी लोकल ट्रेनों की कम संख्या रहने से कम दूरी की यात्रा करने वालों को बसों या निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।

राजस्थान: कोटा से सवाई माधोपुर जाने के 35 की जगह लग रहे हैं 80 रुपए
पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल से रोज 65 मेल-एक्स. ट्रेनें चल रही हैं। इनमें एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं है। मथुरा नागदा व्यस्ततम रूट है। स्पेशल ट्रेनों में जयपुर-मुंबई के बीच लोगों को दोगुने से ज्यादा किराया देना पड़ रहा है। कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 35 रु. की जगह 80 रु. चार्ज लग रहा है। पहले कोटा से रामगंज मंडी तक एक्सप्रेस में किराया 35 रु. लगता था, जिसके अब 45 रु. लग रहे हैं।

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