मध्यप्रदेश के बाद ख़तरे में राजस्थान की गहलोत सरकार, कांग्रेस के 40 विधायक गायब: सूत्र

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस अब गहरे आंतरिक संकट से गुजर रही है। राजनीतिक उठक-पटक के बीच मध्य प्रदेश के बाद अब राजस्थान सरकार पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। गुजरात में अपने विधायकों को बचाने में जुटी कांग्रेस के लिए अब राजस्थान में भी समस्याएं पैदा हो गई हैं और ये समस्या काफ़ी बड़ी भी है।

दरसअल, कांग्रेस के भीतरी सूत्रों से मालूम चला है कि कांग्रेस के 40 विधायकों से उनका संपर्क टूट चुका है और वो फिलहाल पार्टी की देखरेख से गायब हो चुके है।

इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा राजस्थान की उसकी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास कर रही है। जिसके बाद पार्टी ने अपने विधायकों को दिल्ली-जयपुर हाइवे पर स्थित ‘शिव विलास’ नामक रिजॉर्ट भेज दिया था।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी आरोप लगाया था कि उनके विधायकों को 25-30 करोड़ रुपये देकर खऱीदने की कोशिश की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि जून में राज्य से हुए राज्यसभा की तीन सीटों के चुनाव से पहले सत्तारूढ़ कांग्रेस ने कुछ विधायकों को प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था. पार्टी की ओर से इसकी शिकायत विशेष कार्यबल (एसओजी) को की गयी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये की नकदी जयपुर स्थानांतरित हो रही है. राज्य विधानसभा में कुल 200 विधायकों में से कांग्रेस के पास 107 विधायक एवं भाजपा के पास 72 विधायक हैं. राज्य के 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी कांग्रेस को है। ऐसी स्थिति में यदि 40 विधायक अगर कांग्रेस से निकलते है तो गहलोत सरकार ना केवल ख़तरे में आ जाएगी बल्कि गिर भी सकती है.

(आपको बता दें कि इस ख़बर की कोई आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है और डेली बिहार ने इसे कांग्रेस के भीतरी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर ही संपादित किया है। अतः इसकी प्रमाणिकता की जवाबदेही हमारी नहीं है।)

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