अपना गढ़ भी बचाया और भाजपा के किले में भी लगा दी सेंध, राजस्थान में कांग्रेस की जीत का डंका

राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस के उम्मीदवार उपचुनाव में दोनों सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। प्रतापगढ़ की धरियावद सीट पर नगराज मीणा और उदयपुर की वल्लभनगर सीट पर प्रीति शक्तावत जीत की तरफ बढ़ रही हैं। ताजा आंकड़ों के मुताबिक धरियावद में नगराज मीणा भाजपा उम्मीदवार खेत सिंह मीणा से 20 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे हैं। वहीं वल्लभनगर में प्रीति शक्तावत राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मीदवार उदयलाल डांगी से करीब 8 हजार वोटों से बढ़त बनाए हुए हैं।

कुछ ऐसा था सीट का इतिहास
वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ रहा है। यहां पर पार्टी 1952 से अब तक 16 विधानसभा चुनावों में से 9 पर जीत हासिल कर चुकी है। यहां साल 2003 में भाजपा उम्मीदवार रणधीर सिंह भिंडर ने जीत हासिल की थी। वहीं 2013 में एक निर्दल उम्मीदवार को जीत मिली थी। जहां तक धरियावद की बात है यह सीट 2008 में अस्तित्व में आई है। इसके बाद से यहां पर तीन विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन तीन विधानसभा चुनाव में 2008 में कांग्रेस और 2013 और 2018 में भाजपा ने जीत हासिल की है।

कांग्रेस ने बताया अशोक गहलोत की नीतियों की जीत
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि हम लोगों को अशोक गहलोत की नीतियों का समर्थन करने के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत दिखाती है कि अशोक गहलोत की नीतियां सफल रही हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का लोगों ने समर्थन नहीं किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोग मोदी सरकार के नाम पर बड़े बड़े दावे कर रहे थे लेकिन उनका घमंड नहीं चला। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2023 के आगामी विधानसभा चुनाव में भी भाजपा चुनाव हारेगी। खाचरियावास ने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस के एक एक कार्यकर्ता ने ईमानदारी दिखाई और मेहनत की। खेल मंत्री अशोक चंदाना जो कि धरियावद में कैंपेनिंग करने वाले नेताओं में शुमार थे उन्होंने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि लोगों अशोक गहलोत सरकार के अच्छे काम के लिए वोट किया। दोनों कांग्रेसी प्रत्याशी बड़े अंतर से जीत हासिल करेंगे और इसकी उम्मीद भी थी।

भाजपा ने स्थानीय समीकरणों को बताया जिम्मेदार
वहीं झटके खाने के बाद भाजपा ने स्थानीय समीकरणों पर हार का ठीकरा फोड़ा है। भाजपा के नेताओं के मुताबिक यह चीज उनके खिलाफ चली गई। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि स्थानीय समीकरण भाजपा के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि दोनों विधानसभाओं में वोट बंट जाने के चलते भाजपा को इसका नुकसान उठाना पड़ा है।

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