अयोध्या से जनकपुर पहुंचा राम बरात, साधू-संतों का मिथिला वासियों ने किया भव्य स्वागत
सप्ताह व्यापी विवाह पंचमी महोत्सव जनकपुरधाम में शुरू,नगर दर्शन कार्यक्रम जानकी मंदिर मे आयोजित
जनकपुरधाम (नेपाल)में सप्ताह व्यापी विवाह पंचमी महोत्सव मंगलवार से विधिवत शुरू हो गई है। मंगलवार को नगर दर्शन कार्यक्रम हुआ। विश्वामित्र, राम-लक्ष्मण बनकर जयपुर से आए कलाकारों ने बनकर नगर दर्शन किया। नगर दर्शन कार्यक्रम जानकी मंदिर मे आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में साधु, संत और श्रद्धालुओं ने भाग लिया। बुधवार को फूलवारी लीला का कार्यक्रम हुआ। अयोध्या के बारात के स्वागत में नेपाल के राष्ट्रपति भी भाग लेंगे। अयोध्या से आए बारातियों का स्वागत 28 नवंबर को बारह बीघा मैदान में किया जाएगा। इस स्वागत समारोह में नेपाल के राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी मौजूद रहेगी। प्रदेश दो के गवर्नर तिलक परियार, मुख्यमंत्री मोहम्मद लाल बाबूराउत, भारतीय राजदूत मंजीव सिंह पूरी सहित नेपाल के कई मंत्री, सांसद, विधायक मौजूद रहेंगे। राष्ट्रपति आगवन को लेकर बारहवीघा मैदान की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
हरलाखी में पुष्पवर्षा और मंगल गीत से राम बारात का स्वागत किया गया
रामनगरी अयोध्या से नेपाल के जनकपुरधाम में विवाह पंचमी के अवसर पर जा रहे राम बारात को हरलाखी के विश्वामित्र स्थान बिशौल में बुधवार को भव्य स्वागत किया गया। लोगों ने जगह-जगह रथ पर फूल बरसाए और जय श्रीराम के जयकारे लगाए। महिलाओं ने न सिर्फ बारातियों पर पुष्पवर्षा की बल्कि मंगल गीत गाते हुए नृत्य भी किया। बारातियों को भोजन भी कराया गया। उससे पूर्व कल्याणेश्वर स्थान में भी जबरदस्त स्वागत किया गया। बारातियों ने मंदिर में पूजा-पाठ कर प्रसाद ग्रहण किया। बिशौल से निकलने के बाद हरलाखी, कोरियाटोल पोतगाह, उमगांव, दुर्गापट्टी, पिपरौन, फुलहर एवं गंगौर गांव होकर नेपाल के मटिहानी देर शाम पहुंची। जहां रास्ते में भगवान के रथ को रोककर पूजा-पाठ के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। फुलहर स्थित गिरिजास्थान में भी बारातियों ने पूजा पाठ की। इसी स्थान पर पुष्प बाटिका में राम-सीता का पहला मिलन हुआ था। यहां के लोगों ने भी साधु-संतों का जोरदार स्वागत किया। मौके पर विश्वामित्र आश्रम के महंत ब्रजमोहन दास, मुखिया मदन राम, समाजसेवी राघवेश भगत, नीरज झा, विकास पासवान, राघवेंद्र रमन सहित हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। बारात को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद था।
कल बारातियों का स्वागत बारह बीघा मैदान में किया जाएगा, नेपाल के राष्ट्रपति भी होंगे मौजूद
विवाह पंचमी के अवसर पर जानकी मंदिर तथा बारहवीघा मैदान में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जाएगा। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में मैथिली के प्रसिद्ध गायिका मैथिल ठाकुर, कुंज बिहारी मिश्र सहित कई गायक तथा गायिका अपनी सूरों से श्रोताओं का मनोरंजन करेंगे। मिथिला नाट्य कला परिषद के कलाकार भी मैथिली गीत, लोक नृत्य और रामायण से जुड़ी नृत्य पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेगी।
राम बारात का स्वागत करने के लिए तैयार महिलाएं।
30 नवंबर को जनकपुरधाम में मटकोर के अवसर पर निकाली जाएगी शोभा यात्रा
सीताराम विवाहपंचमी महोत्सव के अवसर पर 30 नवंबर को जनकपुरधाम में पहली बार शोभा यात्रा निकाली जाएगी। सुन्दर सदन, झूलनकुंज, युगल विनोद कुंज सहित कई मठ के साधु-संत महन्त तथा श्रद्धालुओं की सहभागिता रहेगी। शोभा यात्रा प्राचीन मणिमण्डप से शुरू होकर नगर परिक्रमा करेगी। उपयुक्त जानकारी सुन्दर सदन के महन्त नवल किशोर शरण ने दी है। सीताराम विवाह पंचमी महोत्सव के अवसर पर यात्रियो की सुरक्षा के लिए जनकपुरधाम में बड़ी संख्या मे सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।
108 जोड़े वर-वधु की सामूहिक विवाह होगी
विवाह पंचमी महोत्सव के अवसर पहली बार जनकपुरधाम के प्राचीन मणिमण्डप में नेपाल विश्व हिंदूपरिषद नेपाल की पहल पर 108 जोड़ी वर वधू की सामूहिक विवाह एक ही मंडप में किया जाएगा। इसके लिए प्राचीन विवाह मण्डप में 108 वेदी का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक 44 जोड़ी वर-वधु का निबंधन होने की जानकारी मणिमंडप विकास समिति के उपाध्यक्ष रामाशीष दास ने दी है। वर वधू को वस्त्र, किचन सेट तथा एक आना सोने का आभूषण देने की जानकारी मणिमण्डप के अध्यक्ष नारायण राउत ने दी है। उन्होंने कहा है कि इस सामूहिक विवाह में 50 लाख खर्च होने का अनुमान है।
मधवापुर मटिहानी में पुष्प वर्षा और पकवानों से बारातियाें का स्वागत किया
एक दिसंबर को श्री सीताराम विवाह पंचमी है। सदियों से जारी परंपरा का निर्वहन करते हुए हर साल की तरह इसबार भी राजा दशरथ की नगरी अयोध्या से राजा जनक की नगरी नेपाल स्थित जनकपुर के लिए बारात आ रही है। यह बारात बुधवार की दोपहर कल्याणेश्वर स्थान विसौल से चलकर देर शाम में मधवापुर मटिहानी पहुंची। सैकड़ों की संख्या में आए बारातियों के स्वागत के लिए मठ सहित दोनों देश के ग्रामीणों,व्यवसायिक एवं स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भव्य स्वागत की तैयारी की गई है। सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों एवं बाजार की सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। सड़क की साफ सफाई कर पानी का छिड़काव किया गया और दोनों किनारे नीचे तिरंगे पाउडर छिड़क कर रंगोली बनाया गया है। ऊपर मकानों पर प्रकाश के लिए बिजली की लत्ती लगाई गई है।
इस बारात के भव्य स्वागत के लिए श्री लक्ष्मी नारायण मठ,नगर पालिका,नेपाल उद्योग वाणिज्य संघ मटिहानी, चैंबर ऑफ कॉमर्स, विश्व हिंदू परिषद मधवापुर सहित संपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्र वासियों एवं व्यवसायियों द्वारा बारात का स्वागत पुष्प की बरसात कर, पुष्प भेंट कर एवं फूलों का हार पहनाकर किया गया। जगह-जगह व्यवसायियों एवं ग्रामीणों द्वारा पानी, चाय, मिठाई, नमकीन, कोल्ड्रिंक आदि से स्वागत किया गया। बारात के पहुंचते ही सीताराम के जय घोष से घंटों इलाका गुंजता रहा। श्री लक्ष्मी नारायण मठ के महंथ श्री श्री 108 जगन्नाथ दास वैष्णव ने बताया कि विभिन्न व्यवसायिक एवं स्वयंसेवी संगठनों एवं नगरपालिका की ओर से मधवापुर से मटिहानी तक डेढ़ दर्जन से अधिक तोरण द्वार बनाए गए हैं। रास्ते में बारात का हर गांव में पुष्प अर्पित कर स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि रथ पर सवार करीब छह सौ बारात अयोध्या से आए हैं।इसमें शामिल बारातियों का मठ पहुंचने पर भव्य स्वागत के बाद पहले शुद्ध घी के हलुआ व चाय परोसा गया। मठ सहित स्थानीय श्री लक्ष्मी नारायण याज्ञवल्क्य संस्कृत उच्चतर माध्यमिक पाठशाला, संस्कृत कॉलेज एवं श्री राम सीनियर सेकेंडरी स्कूल भवन में व्यवस्था की गई है।
अयोध्या से आए बारातियों काे बासोपट्टी से किया विदा
अयोध्या से चलकर बारात मंगलवार को रात्रि में 11 बजे मिथिला के पावन धरती बासोपट्टी में पहुंची थी। वहीं, सभी मैथिलानीयों ने मिलकर हर्षोउल्लास के साथ स्वागत गान गाते हुए राम, लक्ष्मण, भारत, शात्रूधन और साथ में बारातियों का स्वागत किया गया था। पुनः सभी बाराती बुधवार की सुबह नौ बज कर तीस मिनट पर बासोपट्टी से हरलाखी विसौल के लिए प्रस्थान हुई। बताते चलें कि मैथिलानियों द्वारा और स्थानीय लोगों के द्वारा अयोध्या से आए हुए सभी बारातियों को बड़े ही धूम-धाम से विदाई समारोह किया गया। जिसमें प्रमुख राजेन्द्र सिंह पंकज, रामेश्वर दास, कन्हैया दास, रमलखन दास, सुमन दास, रंभूषण दास कलना कुट्टी के महंथ एवं अन्य लोगों ने भाग लिया।