राम मंदिर की अनुमानित लागत 1500 कराेड़ रुपए, चंदा मिला 2,100 करोड़

उत्तर प्रदेश के अयाेध्या में बन रहे राम मंिदर निर्माण के लिए शनिवार शाम तक 2100 कराेड़ रुपए से ज्यादा का चंदा मिल चुका है। यह राशि मंिदर निर्माण में अनुमानित लागत से डेढ़ गुना ज्यादा है। श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने पिछले साल दिसंबर में राम मंिदर परिसर निर्माण के लिए 1100 कराेड़ रुपए लागत अाने का अनुमान लगाया था। मंिदर के िनर्माण में 300 से 400 कराेड़ खर्च का अनुमान था। ट्रस्ट काे अनुमान से करीब 1000 कराेड़ से ज्यादा की राशि मिल चुकी है। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने यह जानकारी दी है। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा, “मंदिर परिसर के निर्माण का बजट अंतिम नहीं है और यह निर्माण पूरा होने के बाद ही पता चलेगा। मिश्र ने बताया कि डेढ़ लाख टोलियां इस अभियान में लगी थीं। चंदा देने में धर्म, जाति और संप्रदाय की बेड़ियां टूटी हैं। सभी ने राम मंदिर के लिए दान दिया है। इनमें मुस्लिम समाज के लोग भी हैं।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद राम गिरी ने बताया कि धन एकत्र करने का अभियान संपूर्ण भारत में 15 जनवरी से 27 फरवरी तक चलाया गया था. इसके तहत शनिवार शाम तक 2,100 करोड़ रुपये का चंदा मिला था. अभी चेक से मिली दान की राशि की गिनती होनी है. जिनके पास कूपन बचे हैं, उनसे वापस लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब ट्रस्ट विदेशों में भी राम मंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान चलाने की योजना बना रहा है.

इसका निर्णय ट्रस्ट की अगली बैठक में लिया जायेगा. गिरि ने बताया कि पूरब से पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक हर वर्ग के लोगों ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया है. यहां तक कि बड़ी संख्या में देश के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए अपना सहयोग दिया है. इधर, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अभी कोई सीमा नहीं है कि मंदिर की लागत कितनी होगी. मंदिर बनने के बाद इसका विस्तार भी होना है.

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल ने किया गुप्त दान : समर्पण निधि अभियान के आखिरी दिन बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी दान किया है. संघ व वीएचपी के कार्यकताओं को उन्होंने राधा-कृष्ण की फोटो वाले बंद लिफाफे को सौंपा है. इसमें उन्होंने अपने मरहूम पिता हाशिम अंसारी और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम भी लिखे थे. गुप्त दान का कारण बताते हुए उन्होंने कहा मुस्लिम धर्म में साफ लिखा है दान गुप्त होना चाहिए, इसलिए उन्होंने यह परंपरा निभाई है.

चंदे का सही आंकड़ा मार्च अंत तक आयेगा: ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि डेढ़ लाख टोलियां चंदा जुटा के इस अभियान में लगी थीं. इसमें से 46 हजार निधि डिपोजिटर बने हैं. यह लोग अभी धनराशि को बैंकों में जमा कर रहे हैं. इसमें अभी समय लग सकता है. कितनी निधि इस अभियान में जमा हुई है. उसका अधिकृत व सही आंकड़ा ट्रस्ट को अभी नहीं मिला है. सभी बैंक में प्रांत के अनुसार धनराशि जमा की जा रही है. ट्रस्ट जिसका पूरा लेखा जोखा मार्च के अंत तक तैयार कर पायेगा.

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *