हर समय हंसते रहने वाले MP रामचंद्र पासवान से अब नही हो सकेगी मुलाकात, श्रद्धांजलि

लोजपा सुप्रीमो राम विलास पासवान के छोटे भाई और समस्तीपुर के सांसद रामचंद्र पासवान ने आज अंतिम सांस ली । हार्ट अ’टैक होने से पिछले एक सप्ताह से अधिक दिनो से वे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जिंदगी और मौ’त से जूझ रहे थे।रोसड़ा और समस्तीपुर से चार बार सांसद रहने वाले रामचन्द्र लोजपा के दलित सेना के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे। हर समय हंसमुख और सबसे मिलने वाले रामचन्द्र पासवान के नि’धन से लोजपा ने अपना नेता और रामविलास पासवान और पशुपति कुमार पारस ने तो अपना छोटा भाई खोया ही है समस्तीपुर की जनता ने एक ऐसा सांसद भी खोया है जिसके सामने अदना सा आदमी भी जाकर अपनी बात रख सकता था। जनता के बीच हर समय रहने वाले ऐसे सांसद को भाव भीनी श्रद्धांजलि।

बताते चले कि रामचंद्र पासवान 1999 में पहली बार जदयू के टिकट पर संसद पहुंचे। 2009 में हुए परिसीमन से पहले रोसड़ा लोकसभा सीट से उन्होंने चुनाव लड़ा और राजद के पितांबर पासवान को हराया। उन्हें करीब 58 प्रतिशत वोट मिले। 2004 में लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर दूसरी बार चुनावी मैदान में उतरे और जदयू के दशाई चौधरी को पटखनी दी। 2009 में जदयू के महेश्वर चौधरी से चुनाव हार गए।

2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर का फायदा रामचंद्र पासवान को भी मिला और वे राजद के अशोक कुमार को हराकर तीसरी बार संसद पहुंचे। हाल ही में संपन्न हुए 17वें लोकसभा चुनाव में रामविलास ने छोटे भाई को टिकट दिया और वे जीतकर चौथी बार दिल्ली पहुंचे।

लेखक : अशोक कुमार मिश्र, पत्रकार

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