रतन टाटा दान कर देते हैं कमाई का 65 % हिस्सा, नहीं तो आज भारत के सबसे अमीर इंसान होते

रतन टाटा को सलाम, कोरोना से लड़ाई के लिए टाटा समूह ने दिए 1500 करोड़

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तमाम उद्योगपति सेलिब्रिटी और नेता खुलकर सामने आ रहे है, वीडियो बना रहे है, लोगो से अपील कर रहे है कि वो हांथ धोए, घर से बाहर ना निकले लेकिन आर्थिक मदद करने के लिए इक्के दुक्के ही सामने आए हैं। लेकिन इस क्रम को तोड़ते हुए टाटा ट्रस्ट ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया। टाटा कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में 1500 करोड़ रुपए देगा।

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रतन टाटा के पास बेशुमार दौलत है, लेकिन इसके बावजूद वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में नहीं आते। दरअसल रतन टाटा अपनी कमाई का 65 फीसदी हिस्सा दान कर देते हैं।

उनकी कंपनी का जो भी प्रॉफिट होता है वो उसे समाज कल्याण के लिए दान कर देते हैं। ये पैसा उनकी निजी फाइनेंशियल स्टेटमेंट में दर्ज नहीं होता है। इसीलिए रतन टाटा की निजी संपत्ति 100 करोड़ से ऊपर नहीं जाती है। अगर आप भी उनकी तरह एक सफल इंसान और एक सफल बिजनेसमैन बनना चाहते हैं, तो अपनाएं उनकी ये कुछ बातें

1- सिर्फ काम को तरजीह देते हैं : ऐसे भारत के कई औद्योगिक घरानों के साथ होता है कि वे उद्योग के साथ-साथ राजनीति में भी दिलचस्पी लेने लगते हैं। लेकिन टाटा ग्रुप और खास तौर से रतन टाटा इन चीजों से हमेशा बचते रहे हैं। उन्होंने हमेशा अपने जीवन में काम को ही सबकुछ समझा। सबसे पहले काम ही तरजीह दी। अगर आप सफलता चाहते हैं, तो अपने काम पर फोकस करें।

2- काम को पूजा की तरह लेते हैं : रतन टाटा के लिए काम करना मतबल पूजा करना है। उनका कहना है कि काम तभी बेहतर होगा जब आप उसकी इज्जत करें। 3-दूसरों को पूरा सम्मान देना : रतन टाटा को निजी तौर पर जानने वालों का कहना है कि वे हमेशा ही शांत और सौम्य बने रहते हैं। वे अपनी कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी तक से बड़े प्यार से मिलते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में छोटे और बड़ों का सम्मान करना शुरू कर दें, तो यकीनन सफलता आपसे ज्यादा दूर नहीं।

4-अपने वादे से नहीं मुकरते : रतन टाटा का मानना है कि चाहे आप नौकरी कर रह हैं या कोई बिजनेस। आपको अपने वादे से नहीं मुकरना चाहिए। क्योंकि किसी भी वादे का टूटना आपके काम को नुकसान पहुंचा सकता है। उनका कहना है कि चाहे जितनी ही दिक्कतें आएं लेकिन अपने वादे को ना तोड़े।

5-साथ मिलकर चलिए : रतन टाटा का कहना है कि सफलता पाने के लिए शुरुआत भले ही अकेले की हो, लेकिन मुकाम तक पहुंचने के लिए लोगों का साथ जरूरी है। इसलिए अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।

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