जज़्बे को सलाम – रिक्सा चलाकर बेटे को बनाया IAS ऑफिसर, पिता कि उम्मीद पर खरा उतरा बेटा

शरीर में ऊर्जा भरने वाली ये कहानी रिक्सा चालक के बेटे गोविन्द जयसवाल की है। गोविन्द मूलतः उतर प्रदेश के वाराणसी के रहने वाले हैं। इनके IAS बनने तक के संघर्ष भरे सफ़र में इनके पिता (नारायण जयसवाल) का महत्पूर्ण योगदान रहा है। यह कहानी थोड़ी पुरानी है मगर आज भी इस कहानी को सुनकर IAS-IPS की तैयारी कर रहे अभ्यार्थियो के लिए ऊर्जा का संचार करती है।

आपको बता दे कि वर्ष 2007 बैच के IAS अधिकारी गोविन्द जीवन काफ़ी संघर्ष से भरा रहा। इनके पिता एक रिक्सा चालक थे। जो दिन रात रिक्सा चलाकर अपने बेटे को पढ़ाया और IAS ऑफिसर बनाया। इनके एक रिश्तेदार ने बताया कि कभी इनके पास 40 रिक्से थे। लेकिन पत्नी की बीमारी और बेटे की पढ़ाई के लिए लगभग 20 रिक्से बेच दिए। बाद में जब और पैसे की किल्लत हूई तो बाक़ी के सारे रिक्से बेचकर ख़ुद रिक्सा चलाने लगे।

हर माता पिता के दिल में एक अरमान और आंखो में उम्मीद की एक रौशनी होती है। कि उनका बच्चा कामयाब हो अपने साथ पूरे देश का नाम रौशन करे। गोविन्द के पिता भी अपने आंखो में अपने बेटे की कामयाबी की उम्मीद लगाए थे। वे 2 रोटी कम खाते थे ताकि बेटे की पढाई के ख़र्च में कोई दिक्कत ना हो। कभी-कभी इन्हे भूखा भी सोना पड़ा लेकिन बेटे की तैयारी में कोई बाधा ना आए। इसके लिए कभी भी अपने बेटे के अपनी परिस्थिति नहीं बताई।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *