राजद-कांग्रेस के विधायकों ने राहत कोष में एक पैसा भी नहीं दिया, सुशील मोदी ने लगाया आरोप

PATNA : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न संकट के समय भाजपा-जदयू के सभी विधायकों ने अपना एक-एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया। दावा किया है कि राजद-कांग्रेस के विधायकों ने राहत कोष में एक पैसा भी नहीं दिया, बल्कि विधायक निधि से 50 लाख रुपये देने का विरोध कर अपनी संवेदनहीनता उजागर की।

विपक्ष पर तंज कसा : रविवार को ट्वीट कर उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसा कि कोसी में वर्ष 2008 की बाढ़ के समय रेलवे कर्मचारियों ने अपने एक दिन का वेतन देकर 38.6 करोड़ जुटाये थे। तत्कालीन रेल मंत्री के नाते यह राशि बिहार के आपदा कोष में दी। राजद नेता बताएं कि कोरोना संक्रमण में मुख्यमंत्री राहत कोष में कितनी मदद की। जो लोग 2017 में सीमांचल की बाढ़ के समय गांधी मैदान में रैली कर रहे थे और 2019 की बाढ़ के समय गायब रहे, वे कोरोना संकट के समय भी बिहार से बाहर रह कर बयानबाजी कर रहे हैं।

प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को हर बिहारी की चिंता है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हर देशवासी की फिक्र है। उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर फंसे प्रवासियों को घर वापस लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। यह सिलसिला तबतक जारी रहेगा जब तक अन्य राज्यों में फंसे बिहारी घर वापस आने को इच्छुक रहेंगे। यह सब कुछ जमीनी स्तर पर हो रहा है। राज्य सरकार कोई हवाई किले नहीं बना रही है। सोची -समझी रणनीति के साथ बिहारियों की सुरक्षित वापसी सरकार का लक्ष्य है।

श्री सिंह ने कहा कि जिस प्रकार अन्य राज्यों ने बिहारियों के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन पोर्टल के जरिये घर वापस भेजने की शुरुआत की है, उसी तरह बिहार सरकार ने भी उन लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक भेजने का सिस्टम तैयार किया है। मुख्यमंत्री की स्पष्ट सोच है कि हर देशवासी इस आपदा में सुरक्षित रहे। किसी के साथ भी राज्य, धर्म, जाति के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए।

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