कोरोना लॉकडाउन के दौरान दुनिया से चली गई मां, UPSC परीक्षा पास कर बेटा बना आईएएस अफसर

UPSC की तैयारी के दौरान मां को खोया, टूटने के बजाय दुःख को बनाया ताकत; अब बनकर दिखाया IAS : कोरोना लॉकडाउन को भला कौन भूल सकता है. वह मंजर आज भी सबको याद है. इस दौरान कई लोगों ने अपने परिवार वालों को खोया है. किसी ने अपनी मां को दुनिया से जाते देखा तो किसी का पिता चला गया. किसी किसी का तो पूरा परिवार बर्बाद हो गया. आज हम आपको एक ऐसे ही परिवार की कहानी सुनाने जा रही बेटा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहा होता है और मैं इसी बीच दुनिया को अलविदा कर हमेशा हमेशा के लिए स्वर्ग लोग चली जाती है. टूटने के बदले बेटा हिम्मत नहीं हारता है और आखिरकार यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बन जाता है.

रोहित कर्दम ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम में 517वीं रैंक हासिल की है। रोहित बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। उन्होंने ICSE बोर्ड से 10वीं में 93 प्रतिशत तो 12वीं में 95 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। रोहित के घर में उनके पिता हरिलाल कर्दम,एक भाई और एक बहन हैं। वैश्विक महामारी कोरोना दौरान वर्ष 2021 में उनकी मां का निधन हो गया था।

एनआईटी कुरुक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग की पढाई कर चुके रोहित कर्दम ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक किया है। रोहित ने अपनी नौकरी छोड़ वर्ष 2020 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड में ऑफिसर की नौकरी छोड़ उन्होंने यह राह चुनी थी। पारिवारिक दृष्टि से रोहित के पिता हरिलाल कर्दम उत्तर प्रदेश पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी हैं तो वहीं रोहित के जीजाजी सुनील पुष्कर वर्ष 2015 के PCS अधिकारी हैं।

खास बातचीत में रोहित कर्दम ने बताया कि, उनके लिए उनकी प्रथम प्रेरणा उनका परिवार ही रहा है। वर्ष 2021 में माता जी के निधन के बाद वो विचलित हो गए थे। लेकिन उन्होंने पुनः हिम्मत जुटाकर, इस साहस के साथ कि माँ के सामने शुरू किए सफर को पूर्ण करकर ही रहूँगा, वो रुके नहीं और आगे परिश्रम किया। रोहित ने कहा कि यूपीएससी में सफलता की कुंजी स्वाध्याय है।

अपनी तैयारी के समय के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा से पहले, वो अभ्यास करते ही रहते थे। यूपीएससी सीएसई क्रैक करने के लिए उम्मीदवारों के लिए टिप्स साझा करते हुए रोहित ने कहा है कि सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित अभ्यास और परीक्षा के अंतिम दिन तक अखबार पढ़ना ये दो चीजें दिनचर्या बन जानी चाहिए। इसके परिणाम मुझे मिले हैं।

डेली बिहार न्यूज फेसबुक ग्रुप को ज्वाइन करने के लिए लिंक पर क्लिक करें….DAILY BIHAR  आप हमे फ़ेसबुकट्विटरइंस्टाग्राम और WHATTSUP, YOUTUBE पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं 

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *