पटना में 10 से 16 जुलाई तक लॉकडाउन, बिना पास कर सकते हैं यात्रा, कार-मोटर साइकिल पर रोक नहीं

पटना में 10 से 16 जुलाई तक लॉकडाउन, बिना पास कर सकते हैं यात्रा, कार-मोटरसाइकिल पर नहीं रहेगी रोक : पटना के इस बार के लॉकडाउन में वाहनों की आवाजाही पर रोक नहीं होगी। सार्वजनिक सेवा के साथ ही प्राइवेट वाहनों का आवागमन होगा। हालांकि बिना काम वाहन लेकर निकलने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। निजी वाहन लेकर निकलने वालों को जरूरी काम का प्रमाण साथ में रखना होगा। पिछली बार लॉकडाउन के दौरान प्राइवेट वाहनों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी।

उस दौरान केवल वैसे ही वाहन सड़क पर चल रहे थे जिनका पास निर्गत था। डीएम कुमाररवि ने बताया कि ट्रांसपोर्ट सर्विस को लॉकडाउन में छूट दी गई है क्योंकि इस दौरान जिन्हें जरूरी कार्य से जाना होगा वे जा सकेंगे। जैसे शादी, श्राद्ध, अंतिम संस्कार, यात्रा मुंडन जैसे जो कार्यक्रम आयोजित होते हैं उसमें भाग लेने के लिए लोग जा सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें उचित प्रमाण देना होगा। यानी आयोजन का कार्ड जरूरी है।

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद डीएम कुमार रवि ने पटना जिले में 16 जुलाई तक लॉकडाउन लागू करने का आदेश दिया है। यह आदेश 10 जुलाई से प्रभावी होगा। लोग गुरुवार को आवश्यक कामकाज कर सकते हैं। इसके बाद शुक्रवार से बाजार पूरी तरह से बंद हो जाएगा। डीएम ने सभी सरकारी और प्राइवेट संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। लेकिन आवश्यक सेवा से जुड़े कार्यालय खुले रहेंगे।

प्रशासन ने फल, सब्जी, दूध, मांस – मछली एवं किराना दुकानों को खोलने की समयावधि तय की है। सुबह छह बजे से दस बजे तथा शाम चार बजे से सात बजे तक ही ये दुकानें खुली रहेंगी ताकि लोग जरूरत के सामान खरीद सकें। डीएम ने बताया कि लोगों से अपील की गई है कि जरूरी सामग्री की खरीदारी में निकटवर्ती दुकानों से ही कर दें ताकि उन्हें बाजार में नहीं निकलना पड़े।

डीएम ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है इसीलिए लॉक डाउन करना जरूरी हो गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब जरूरी कार्य हो तभी घर से निकलें। अपनी सेहत की सुरक्षा खुद करें यह लोगों में जागरूकता आनी चाहिए। अन्यथा मजबूरी में प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी जो कोरोना महामारी में लापरवाही बरत रहे हैं तथा संक्रमण फैलाने के वाहक बन रहे हैं।

पुलिस, सिविल डिफेंस, अग्निशमन सेवा, बिजली, जलापूर्ति, एलपीजी गैस सेवा, नगर पालिका एवं नगर निगम के आवश्यक सेवा से जुड़े कर्मचारी, हॉस्पीटल – क्लीनिक, नर्सिंग होम, किराना दुकान, एंबुलेंस सेवा, दवा दुकान, सब्जी दुकान, दूध, मांस- मछली, बैंक, बीमा, टेलीफोन, इंटरनेट सेवा, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के कार्यालय और काम करने वाले कर्मी तथा पटना उच्च न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार न्यायिक सेवाओं को लॉकडाउन से छूट दी गई है।

सरकारी और प्राइवेट संस्थान आवश्यक कार्य को छोड़कर बंद रहेंगे। कपड़ा, फर्नीचर, प्लास्टिक, सोना – चांदी, श्रृंगार, बर्तन की दुकान के साथ-साथ बाजार की ऐसी दुकान, जिसे अनिवार्य सेवा में शामिल नहीं किया गया है। इस दौरान मॉल में केवल अनिवार्य सेवा से जुड़ी सामग्री की ही बिक्री होगी। होटल और रेस्टोरेंट में केवल होम डिलीवरी करने की अनुमति दी गई है।

इस बार के लॉकडाउन में वाहनों के संचालित करने के लिए पास की जरूरत नहीं होगी। हालांकि यात्रा करते समय लोगों को अपने पास प्रमाण रखना होगा कि वह किस काम के लिए बाहर जा रहे हैं। एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए यात्रा टिकट जैसे हवाई जहाज का होना चाहिए। उसी प्रकार श्राद्ध या अन्य किसी कार्यक्रम में जाने के लिए लोग अपने वाहन का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उन्हें प्रमाण देना होगा।

डीएम कुमार रवि ने बताया कि लॉकडाउन लागू करने के पहले लोगों को एक दिन का समय दिया गया है ताकि वह जरूरी सामग्री की खरीदारी कर सकें। उन्होंने बताया कि अक्सर देखा जाता था कि अचानक लॉकडाउन लागू करने के बाद बाजार में सामान खरीदने की होड़ मच जाती थी ऐसी स्थिति नहीं बने इसीलिए लोगों को एक दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है ताकि घर में जरूरी सामान रख सकें।

डीएम ने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए आठ अलग-अलग टीम गठित की गई है जो दुकानों पर छापेमारी करेगी। लोगों को अधिक मूल्य पर सामग्री नहीं मिले तीन समय-समय पर किराना दुकानों पर छापामारी करेगी। इसके अलावा जन वितरण प्रणाली की दुकानों की भी जांच की जाएगी ताकि लॉकडाउन के अवधि में गरीबों को सरकार द्वारा जाने वाला अनाज मिल सके।

विकास से जुड़ी योजनाएं और निर्माण कार्य लॉक डाउन की अवधि में प्रभावित नहीं होगा। रोजगार सृजन से संबंधित कार्यालय भी खुले रहेंगे ताकि प्रवासी मजदूरों को काम मिलने में परेशानी नहीं हो सके। डीएम ने बताया कि सरकारी के साथ-साथ लोग प्राइवेट निर्माण कार्य भी करा सकते हैं। जो उनके पास उपलब्ध संसाधन हैं, उसी का इस्तेमाल करेंगे। लॉकडाउन के दौरान भारी वाहनों के परिचालन पर प्रतिबंध रहेगा, केवल जरूरी सामग्री को लेकर आने वाले वाहनों को ही जिले में आने की इजाजत दी जाएगी।

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