शाहनवाज हुसैन का डिमोशन, PM मोदी-अमित शाह ने केंद्रीय राजनीती से बाहर करने को लिया बड़ा फैसला

बिहार की राजनीति में बहुत तेजी से बदलाव दिखने को मिल रहा है। विधान सभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत से जहां बीजेपी का खेमा उत्साहित हैं वहीं दूसरी ओर जदयू को झटका देने के लिए एक के बाद एक नया प्लान बनाया जा रहा है। चुनाव परिणाम के बाद सबसे पहले डिप्टी सीएम सुशील मोदी को हटाकर राज्य सभा भेजा गया। वहीं अब पूर्व सांसद और बिहार के कद्दावार नेता शाहनवाज हुसैन को बिहार एमएलसी चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया है। जानकारों की माने तो भाजपा ने उन्हें अपना कैंडिडेट बनाकर बड़ा दांव खेला है।

शाहनवाज हुसैन काे उम्मीदवार बना भाजपा ने बड़ा दांव खेला, उनके नेतृत्व में कश्मीर में पार्टी ने किया शानदार प्रदर्शन : प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री रहे शाहनवाज को बिहार विधान परिषद के लिए उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने बड़ा दांव खेला है। शाहनवाज हुसैन अभी जम्मू-कश्मीर निकाय चुनाव में भाजपा के प्रभारी थे और वहां पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। भाजपा वहां पहली बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। माना जा रहा है कि शाहनवाज को विधान परिषद में भेजकर इसका पुरस्कार मिला है।

पहली बार किशनगंज से चुनाव जीते : शाहनवाज पहली बार किशनगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री बने। उन्हें युवा मामलों का मंत्री बनाया गया, वर्ष 2001 में कोल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला। 2003 में टेक्सटाइल मंत्री बने। उस समय उन्हें देश के सबसे युवा कैबिनेट मंत्री बनने का गौरव भी मिला। 2004 में वे लोकसभा का चुनाव हार गए, लेकिन 2006 में भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से हुए उपचुनाव में फिर जीत हासिल की। वर्ष 2009 में भी उन्हें जीत मिली, लेकिन 2014 में वे फिर चुनाव हार गए। 2019 में भागलपुर सीट जदयू के कोटे में चली गई, जिससे उन्हें चुनाव में उतरने का अवसर ही नहीं मिला।

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