सामान काम सामान वेतन पर बिहार के सरकारी मास्टरों को झटका, सैलरी बढ़ाने पर CM नीतीश कुमार तैयार

NEW DELHI : समान काम समान वेतन, सेवाशर्त सहित विभिन्न मांगों पर शिक्षक हड़ताल पर अड़े हुए हैं, तो सरकार भी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ गई है। विभिन्न जिलों में हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई तेज कर दी गई है। हड़ताली शिक्षकों की बर्खास्तगी के साथ ही एफआईआर की जा रही है। पटना में गुरुवार को 5 हड़ताली शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। सरकार ने हड़ताली शिक्षकों से दो टूक कह दिया है कि समान काम समान वेतन पर तो कोई बात भी नहीं होगी। नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली और वेतन वृद्धि पर बात करने के लिए दरवाजा खुला है। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि मैंने तो शिक्षकों से हड़ताल नहीं करने की लगातार अपील की। मैट्रिक की परीक्षा और इंटरमीडिएट की कॉपी मूल्यांकन के समय हड़ताल बिल्कुल उचित नहीं है। विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि समान काम समान वेतन मामले पर शिक्षक संघों की तो सुप्रीम कोर्ट में भी हार हो चुकी है।

पटना के पांच शिक्षकों पर बहादुरपुर थाने में एफआईआर
पटना के डीईओ ज्योति कुमार ने बहादुरपुर थाने में पांच शिक्षकों-मध्य विद्यालय महाराजगंज गुलजारबाग के वीरेंद्र कुमार यादव, उत्क्रमित मध्य विद्यालय रेवा मसौढ़ी के रामशेखर, मध्य विद्यालय ढ़ीवर फतुहां के राकेश कुमार, मध्य विद्यालय नेहरू नगर के राम विनय राय और मध्य विद्यालय बड़ा अस्पताल के प्रेमचंद्र पर प्राथमिकी दर्ज करायी है। डीईओ ने थानाध्यक्ष को दिए आवेदन में कहा कि 10.30 बजे हड़ताली शिक्षक कार्यालय आकर गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने लगे। कार्यालय के कर्मियों ने विरोध किया तो शिक्षकों ने कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। मैट्रिक परीक्षा संचालन में भी बाधा पहुंचाई।

शिक्षा मंत्री बोले-सेवाशर्त पर भी हो सकती है वार्ता
पंचायती राज विभाग ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था से बहाल जो शिक्षक मैट्रिक परीक्षा के वीक्षण और कॉपी मूल्यांकन का विरोध कर रहे हैं, उनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए सेवा से बर्खास्त किया जाये। जो अधिकारी इसमें शिथिलता बरतेंगे उन पर भी विधिसम्म्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा कार्यालयों में घुसकर तोड़फोड़ करने और अफसरों के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट करने वालों पर तत्काल कार्रवाई करें।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता बच्चों को शिक्षा देना है। समान काम समान वेतन मामले पर शिक्षक संघों की तो सुप्रीम कोर्ट में भी हार हो चुकी है। सरकार की आर्थिक स्थिति नहीं है कि पुराने शिक्षकों के समान वेतन दिया जा सके। पौने चार लाख शिक्षकों को इतना वेतन देने में 28 से 30 हजार करोड़ की राशि अधिक खर्च करनी होगी। इतनी राशि में सरकार की कई योजनाओं को बंद करना होगा।

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