समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर मंडराया बाढ़ का खतरा, पानी बढ़ने के कारण बंद हो सकता है रेल परिचालन

बूढ़ी गंडक के जलस्तर में वृद्धि होने से शहर पर बाढ़ का खतरा समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर परिचालन हो सकता है बाधित पुराने रेलवे पुल के पास खतरे के निशान के करीब पहुंचा नदी का पानी, पेटी में बसे 300 से अधिक घरों में घुसा बाढ़ का पानी

बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से समस्तीपुर शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यहां तक की समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर परिचालन बाधित होने का का भी खतरा उत्पन्न हो गया है। रेलवे पुल के पास बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। बूढ़ी गंडक नदी के पुराने पुल को समस्तीपुर-किशनपुर दोहरीकरण के बाद डाउन लाइन बनाया गया है। पुराने पुल की ऊंचाई नये पुल के मुकाबले करीब तीन मीटर कम है। पूर्व के सालों में बाढ़ के दौरान नदी का पानी रेलवे पुल से सट गया था जिस कारण समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर परिचालन ठप करना पड़ता था। उधर, नदी के पानी में वृद्धि के कारण नदी की पेटी में बसे 300 से अधिक घरों में पानी भर गया है जिससे घरों में रहने वाले लोगों ने बांध पर शरण ले रखा है। फलस्वरूप बारिश के दिनों में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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शहर के धरमपुर के पास से बहादुरपुर मोक्षधाम मंदिर के पास तक शहरी इलाके में नदी की पेटी में 300 से अधिक परिवार झोपड़ी आदि बनाकर रहते हैं। नदी का जलस्तर बढ़ने से घरों में पांच से सात फीट तक पानी हे। पेटी में रहने वाले लोग बांध पर पन्नी आदि लगाकर रहने को विवश हैं। बारिश के इस मौसम में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खास कर बारिश बंद होने व चिलचिलाती घूप होने पर पन्नी के तंबु में रहना दूभर हो जाता है। लोगों को पेयजल का अभाव सता रहा है। सबसे अधिक परिवार रेलवे गंडक कॉलोनी के पास बसा है।

सदर एसडीओ अशोक कुमार मंडल ने बताया कि कई सालों से बाढ़ नहीं आने के कारण नदी के ढाव में दोनों ओर बड़ी संख्या में किसानों ने हरा चारा, मुंग, मक्का आदि की खेती कर रखी थी। लेकिन नदी में पानी आने से दोनों ओर ढाव में लगी फसल डूब गई है जिससे पशुओं के लिए चारा की व्यवस्था करने में परेशानी आ रही है। नदी के पेटी में बसे लोगों को नियमानुसार राहत नहीं दी जा सकती है। लेकिन मानवता के आधार पर उन्हें सहायता पहुंचाई जाएगी। इसके लिए नगर प्रशासन को प्रभावित लोगों की सूची बनाने को कहा गया है।

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