बिहार के लोगों को नौकरी देने में फेल रहे नीतीश, JDU नेता संजय झा ने खोल दिया बिहार सरकार की ‘पोल’

जदयू नेता संजय कुमार झा की एक फेसबुक पोस्ट ने नीतीश कुमार और बिहार सरकार की पोल खोल दी है। संजय झा ने लिखा है कि हमने पिछले 15 सालों में लगभग आठ लाख सरकारी नौकरियां लोगों को दी है, जो लालू राज से काफी अधिक है। अगर इस आंकड़े का विश्लेषन किया जाए तो यह साफ कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार नौकरी देने के मामले में फेल रहे हैं। औसतन हरेक साल उन्होंने मात्र 40 हजार लोगों को नौकरी देने का काम किया है।

संजय झा ने क्या लिखा है फेसबुक पोस्ट में : पिछले 15 वर्षों में कुल 6 लाख 8 हजार 893 युवाओं की सरकारी नौकरियों में भर्ती की गई है। लगभग 65 पदों पर नियुक्ति प्रक्रियाधीन है। हमसे पहले के 15 वर्षों में 10 साल झारखंड साथ रहने के बावजूद सिर्फ 95,734 नौकरियां दी गई थी। सेवा ही हमारा धर्म है। हम सबकी सेवा करते हैं। सभी वर्गों-समुदायों के लोगों की सेवा और न्याय के साथ विकास। हमलोगों ने समाज में प्रेम, भाईचारा, सद्भावना और शांति स्थापित करने का काम किया है:

नीतीश ने दिया अपने काम का हिसाब बोले-उन्होंने सिर्फ वोट लिया, दिया क्या

11 विस क्षेत्रों की वर्चुअल रैली के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद व राबड़ी देवी का नाम लिए बिना कहा-इन लोगों ने अल्पसंख्यक, दलित-महादलित का खाली वोट लिया मगर इनके लिए कुछ किया नहीं। पूरे एक घंटे के भाषण में नीतीश कुमार ने अपने खास-खास कामों की खासी चर्चा की। कमोबेश हर दो-तीन लाइन के बाद वे कहते रहे कि बताइए, हमने कौन सा काम नहीं किया? मगर सीधे कह देता है कुछ नहीं किया। 1989-90 में भागलपुर में जो (दंगा) हुआ, उसके पीड़ितों के लिए क्या किया? हमने दोबारा जांच कराई। आरोपियों को सजा मिली। पीड़ितों को सहायता दी जा रही है। नीतीश ने दलित, महादलित तथा अल्पसंख्यकों के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए चौतरफा कामों की खासी चर्चा की। इसमें एससी-एसटी उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना, सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि प्रमुख रही। नीतीश कुमार ने कहा-कुछ लोग युवाओं को रोजगार देने पर प्रवचन दे रहे हैं। कहते हैं कैबिनेट करके देंगे। पहले समय कैबिनेट भी होती थी क्या? कैसी सरकार चलाई, कौन नहीं जानता। तब सिर्फ 95734 लोगों को नौकरियां मिलीं। हमने 608893 को नौकरियां दीं।

काम से राजनीति का एजेंडा ही बदला : जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि बिहार को दलदल से बाहर निकाल कर यहां तक पहुंचाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। खासकर नई पीढ़ी को बताया जाए कि विरासत में हमारी सरकार को कैसा बिहार मिला था? संगठन के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपने काम से राजनीति का एजेंडा ही बदल दिया। विकास एजेंडा बना। जात-पात का एजेंडा किनारे हुआ।

आरसीपी ने दिया जीत का टिप्स-’बूथ जीतो, चुनाव जीतो’ : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) आरसीपी सिंह ने अपनों को चुनावी जीत के टिप्स दिए-’बूथ जीतो, चुनाव जीतो।’ मौका जदयू की वर्चुअल सभा/रैली का था। इसे संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- अब संगठन की बारी है। जनता मन बना चुकी है। सबकी इच्छा है कि नीतीश कुमार की सरकार फिर बने। इस बेहद सकारात्मक माहौल को हमें और नियोजित व चार्ज कर देना है। संगठन के तमाम स्तरों के लोग, एनडीए के दूसरे घटक दलों के लोगों से समन्वय स्थापित कर एक-एक घर में जाएं और सरकार द्वारा किए गए कामों को बताएं।

7 निश्चय पार्ट 2 : मुख्यमंत्री ने युवा शक्ति-बिहार की प्रगति, सशक्त महिला-सक्षम महिला, हर खेत तक सिंचाई का पानी, स्वच्छ गांव-समृद्ध गांव, स्वच्छ शहर-विकसित शहर, सुलभ संपर्कता, सबके लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा के अंतर्गत क्या होगा, इसे बताया।

केंद्र सरकार की तारीफ : नीतीश कुमार ने बिहार की मदद के लिए केंद्र सरकार की तारीफ की। बोले-कोरोना काल के अलावा उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान योजना आदि से भी मदद मिली है।

महिलाओं को संसद-विधानसभा में 35 फीसदी आरक्षण मिले : महिलाओं को आरक्षण नीतीश ने कहा-हम तो चाहते हैं कि महिलाओं को संसद व विधानसभा में भी 35% आरक्षण मिले। हमने जितना बन पड़ा, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए किया। त्रिस्तरीय पंचायती राज में 35% आरक्षण दिया। राज्य सरकार की नौकरियों में 35% आरक्षण दिया।

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