बिहार रेजिमेंट के शहीद कर्नल संतोष बाबू को सलाम…जय हिन्द

PATNA : लद्दाख में चीन की सेना के साथ हुई झ/ड़प में बिहार रेजीमेंट के लाल शहीद हो गए हैं। 16 बिहार रेजीमेंट के कमॉंडिंग अफसर ने देश के लिए कु/र्बानी दी है। भारतीय सेना के अनुसार श/हीद होने वाले अफसर का नाम कर्नल संतोष बाबू है। वह बिहार रेजीमेंट के थे।

चीन की PLA के साथ हुई खू/नी झ/ड़प में भारतीय सेना ने अपने अफसर और दो जवानों को खो दिया। जिसमें बिहार रेजीमेंट के भी एक लाल शामिल हैं। श/हीद कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट जिले के रहने वाले थे। सेना ने कहा कि हिं/सक टकराव के दौरान एक अधिकारी और दो जवान श/हीद हुए जबकि चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ है। लद्दाख इलाके में यह 1962 के बाद ऐसा पहला मौका है जब सैनिक श/हीद हुए हैं। गालवान घाटी में हिं/सक झ/ड़प के बाद चीन ने “भारत से एकतरफा कार्रवाई करने या त/नाव बढ़ाने से बचने” को कहा है।

चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह श/हादत की पहली घटना है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख व विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस ट/कराव के साथ-साथ पूर्वी लद्दाख के संपूर्ण घटनाक्रम से अवगत कराया।

दोनों सेनाओं की ओर से सोमवार रात में पीछे हटने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन तभी अचानक चीनी सैनिकों की ओर से हरकत की गई है जिसमें बाद दोनों पक्षों में झ/ड़प हो गई। जिसमें सेना के एक कर्नल और दो जवान श/हीद हो गए हैं। चीन को अच्छा खासा नुकसान पहुंचा।

बिहार के तीन जवानों ने भी चीन की सीमा पर शहादत दी : भारत-चीन सीमा पर सोमवार देर रात को हुई चीनी सैनिकों के साथ झ/ड़प में बिहार के तीन सपूतों ने भी सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जा/न की कु/र्बानी दे दी। इनमें सारण, भोजपुर और सहरसा का एक-एक लाल शामिल है। हालांकि सारण के एक और जवान की श/हादत की भी चर्चा होती रही।

सुनील कुमार ने सारण की शौर्यपूर्ण मिट्टी की परंपरा को कायम रखा। चीनी सैनिकों के साथ झ/ड़प में उन्होंने डटकर सामना किया और आखिरकार अपनी श/हादत दे दी। सुनील बिहार रेजिमेंट के 16 बिहार बटालियन के हवलदार थे। वे सारण जिले के परसा थाना क्षेत्र के दीघरा गांव के रहने वाले थे। उनके पिता सुखदेव राय भी सेना से ही सेवानिवृत्त हुए हैं।

दूसरे शहीद कुंदन ओझा मूल रूप से भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के पहरपुर गांव के रहने वाले थे। उनका परिवार झारखंड के साहिबगज में रह रहा है। वहीं, सहरसा जिले की विशनपुर पंचायत के आरण गांव के एक वीर कुंदन कुमार भी दुश्मनों से लड़ते हुए श/हीद हो गए। सारण के एक और सपूत चंचौरा के संजय के भी श/हीद होने की चर्चा होती रही। आधिकारिक तौर पर किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

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