मुस्लिम युवक कर रहा है सरस्वती पूजा, श्रद्धालुओं की जुटी भीड़, कहा-विद्या की देवी की जय हो

29 जनवरी दिन बुधवार को माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रारंभ हो गई है। इसे वसंत पंचमी या श्रीपंचमी कहा जाता है। इस बार 30 जनवरी गुरुवार को वसंत पंचमी पर सरस्वती देवी की विधि विधान से पूजा करें। मां सरस्वती के आशीर्वाद से आपको बुद्धि, ज्ञान, संगीत और कला में निपुणता प्राप्त होगी। सरस्वती पूजा में सरस्वती वंदना जरूर करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि मां सरस्वती की पूजा की विधि क्या है।

बिहार के बक्सर जिले में एक युवक ने समाजिक समरसता और संप्रादायिक सद्भाव की अद्भूत मिसाल कायम की है. जानकारी के मुताबिक एक दिन पहले बक्सर शहर के वार्ड नंबर 34 में रहने वाले सलाहुद्दिन के बेटे हिसामुद्दीन ने बक्सर जिला प्रशासन से सरस्वती पूजा की इजाजत मांगी. जिला प्रशासन ने हिसामुद्दिन को पूजा की इजाजत दे दी. बताया जा रहा है कि हिसामुद्दिन की आस्था को देखते हुए जिला प्रशासन ने उसके आवेदन पर विचार किया और उसे सरस्वती पूजा की इजाजत दे दी. इससे पूर्व हिसामुद्दिन ने जिला प्रशासन से मां सरस्वती की प्रतिमा रख कर पूजा करने के लिये कहा था. हिसामुद्दिन ने प्रशासन से कहा था कि वह वैदिक परंपरा के अनुसार मां सरस्वती की पूजा करेगा.

हिसामुद्दिन जिला प्रशासन की ओर से इजाजत मिलने के बाद सरस्वती पूजा कर रहा है. हिसामुद्दिन की टीम में दस पंद्रह उसके मित्र भी शामिल हैं. हिसामुद्दिन को प्रतिमा विसर्जन के लिये प्रशासन ने ट्रैक्टर ले जाने की अनुमति भी दी है. हिसामुद्दिन की विद्या की देवी सरस्वती के प्रति आस्था को देखते हुए स्थानीय लोग काफी खुश हैं. पूरे शहर में हिसामुद्दिन की पूजा चर्चा का विषय बनी हुई है. हिसामुद्दिन और उसके दोस्त मां सरस्वती की प्रतिमा रखकर पूजा कर रहे हैं और स्थानीय लोग उसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं.

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