10 साल बाद अमेरिकी मल्टीनेशनल की बंधुआ गुलामी करता भारतीय किसान मिले तो आश्चर्य मत कीजिएगा…

भारतीय कृषि का परिदृश्य तेजी से बदलने वाले है, पूरी तैयारी की जा चुकी है 10 साल बाद अमेरिकी मल्टीनेशनल की बंधुआ गुलामी करता भारतीय किसान मिले तो आश्चर्य मत कीजिएगा ! सवाल उठता है कि जिस समय पुरी दुनिया डेटा सुरक्षा को लेकर व्यापक चर्चा कर रही है उसी समय भारत सरकार प्राइवेट कंपनियों को जमीन का डेटा बिना किसी तैयारी के उपलब्ध करवा रही है। कहने के लिए यह परियोजना अभी लोक लुभावन लग रहा हो, लेकिन भविष्य के लिए घातक सिद्ध होगा।

फसल लोन के लिए नई टेक्नोलॉजी अब सैटेलाइट से खेतों की पिक्चर लेकर किसानों को कर्ज दे रहा है आईसीआईसीआई बैंक, उत्तर भारत में हुई शुरुआत

मुंबई. देश के चौथे नंबर के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने अब किसानों को कर्ज देने के लिए तकनीक का सहारा लिया है। बैंक किसानों को कर्ज अब सेटेलाइट के जरिए खेतों की पिक्चर लेकर दे रहा है। खेत की सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों की मदद से उसकी वित्तीय स्थिति का पता लगाया जा रहा है। बैंक का कहना है कि इस कदम से उसे खर्च घटाने में मदद मिली है। इसके अलावा लोन की मंजूरी में भी कम समय लग रहा है।

उत्तर भारत के 500 गांवों में शुरू हुई योजना बैंक उत्तर भारत के 500 गांवों में किसानों को लोन देने के लिए इस तरीके का इस्तेमाल कर रहा है। बैंक की योजना 63000 गांवों में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने की है। बैंक खेतों की पिक्चर लेकर इसे तीसरी पार्टी को भेजता है, ताकि कर्ज देने से पहले इसे पूरी तरह से जांच लिया जाए।

अब बैंक अधिकारी खेतों में नहीं जाएंगे : अभी तक किसानों को लोन देने से पहले बैंक के अधिकारी फसल की क्वालिटी, सिंचाई की व्यवस्था और जमीन की स्थिति का जायजा लेते हैं। यह सब कुछ खेतों में जाकर किया जाता था। पर अब बैंक अधिकारी को खेतों में नहीं जाना होगा। वे सेटेलाइट से पिक्चर लेकर आंकलन करेंगे। इससे उन्हें खेती से होने वाली आय का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है।

नई टेक्नोलॉजी से जल्दी मिलेगा लोन : आईसीआईसीआई बैंक के कार्यकारी निदेशक अनूप बागची ने कहा कि सैटेलाइट इमेज का इस्तेमाल करने से बैंक के खर्च में कमी आएगी। साथ ही लोन की मंजूरी में लगने वाले समय में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से कुछ ही दिन में लोन मंजूर हो रहा है। आम तौर पर लोन मंजूर होने में 15 दिन का समय लग जाता है।

ग्रामीण कर्ज का पोर्टफोलियो 571 अरब रुपए का है इस टेक्नोलॉजी में लोन लेने के लिए किसान की क्षमता का पता लगाया जाता है। इसमें 40 से ज्यादा पैरामीटर्स होते हैं। आईसीआईसीआई के करीब 571 अरब रुपए के ग्रामीण लोन में इस लोन की एक-तिहाई हिस्सेदारी है। बागची ने कहा कि इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लंबी अवधि में बैंक की एसेट क्वालिटी में सुधार आएगा। भारत की 2.8 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में कृषि की करीब 15 फीसदी हिस्सेदारी है।

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