अभी-अभी : आसनसोल लोकसभा से शत्रुघन सिन्हा की जीत पक्की…ममता बनर्जी ने जनता को कहा धन्यवाद

शत्रुघ्न सिन्हा की आसनसोल लोकसभा सीट से जीत पक्की! बीजेपी की अग्निमित्र पॉल डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से पीछे : पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट (Asansol Parliamentary Seat) और बालीगंज विधानसभा सीट (Ballygunge Assembly Seat) उपचुनाव की मतगणना में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपने प्रमुख प्रतिद्वंदी बीजेपी से बढ़त बनाये हुए है : पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट (Asansol Parliamentary Seat) और बालीगंज विधानसभा सीट (Ballygunge Assembly Seat) उपचुनाव की मतगणना में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपने प्रमुख प्रतिद्वंदी बीजेपी से बढ़त बनाये हुए है. चुनाव आयोग के आधिकारिक शुरुआती रुझानों के अनुसार आसनसोल (Asansol) में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughan Sinha) बीजेपी की अग्निमित्र पॉल (Agnimitra Paul) से डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे है. बस अपने भतीजे के पर कतरने के लिए ममता ने आसनसोल से एक बाहरी व्यक्ति को उतारा- BJP

आसनसोल सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अग्निमित्रा पॉल से 1,56,425 मतों से आगे हैं. अग्निमित्रा पॉल को अब तक 2,18,601 (32.27%) वोट और शत्रुघ्न सिन्हा को 3,75,026 (55.36%) वोट मिले हैं. आसनसोल लोकसभा सीट बाबुल सुप्रियो के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से तृणमूल कांग्रेस में जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने के कारण खाली हुई थी.

ज्ञात हो कि 12 अप्रैल को हुए उपचुनाव में आसनसोल में 66.42 फीसदी मतदान हुआ था. पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में कुल 15 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के पात्र थे. मतदान के दिन आसनसोल में बड़ा विवाद हुआ था, जहां स्थानीय पुलिस ने निर्वाचन क्षेत्र के भीतर मीडियाकर्मियों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया और उन्हें लगभग 40 मिनट तक बाराबनी में एक क्रॉसिंग पर रोककर रखा गया. हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के हस्तक्षेप के तुरंत बाद पुलिस ने प्रतिबंध हटा लिया. आसनसोल से बीजेपी उम्मीदवार पॉल ने आरोप लगाया था कि इस तरह के प्रतिबंधात्मक उपायों का उद्देश्य सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बड़े पैमाने पर धांधली का मौका देना है.

आसनसोल लोकसभा उपचुनाव बाबुल सुप्रियो के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने और पिछले साल लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद जरूरी हो गया था. पिछले साल जुलाई में आसनसोल से दूसरी बार सांसद रहे सुप्रियो को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया और बाद में वह तृणमूल में शामिल हो गए.

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