ज्ञान में वृद्धि, परिवार में सुख शांति प्रदान करता है सोमवारी व्रत, आज से सावन शुरू

श्रावण मास को मनोकामनाएं पूर्ण करने वाला माह माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव इस पूरे मास धरती पर निवास करते हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सावन के सोमवार का भी विशेष महत्व है। सावन के सोमवार का व्रत विद्यार्थियों के ज्ञान में वृद्धि प्रदान करता है। इस व्रत के प्रभाव से परिवार में सुख शांति रहती है। दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। विवाह संबंधी परेशानियां दूर हो जाती हैं।

पति-पत्नी मिलकर पूरे श्रावण मास में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें। भगवान शिव के समक्ष शाम के समय गाय के घी का दीपक संयुक्त रूप से जलाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। शिव मंत्र का 108 बार जाप करें। सोमवार का दिन चंद्र ग्रह का होता है। चंद्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। इसलिए इस दिन पूजा करने से न केवल चंद्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है।

सावन सोमवार व्रत में तीन पहर तक उपवास रखकर व्रत खोलना चाहिए। प्रथम सोमवार से प्रारंभ करते हुए लगातार सोलह सोमवार यह व्रत जारी रखते हैं। इस प्रक्रिया को सोलह सोमवार उपवास नाम से जाना जाता है। सावन के पहले दिन, चांदी, तांबा या पीतल का जलपात्र खरीदकर लाएं तो अत्यंत शुभ होगा। सावन के पहले दिन चांदी का कड़ा खरीदने से तीर्थयात्रा या विदेश यात्रा के शुभयोग बनते हैं।

इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।

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