सुप्रीम कोर्ट का आदेश, लाकडाउन में हो श’राबों की होम डिलेवरी, दुकान बंद करवाने से किया इंकार

ठेकों पर भीड़ रोकने के लिए श/राब की होम डिलीवरी पर विचार करें राज्यों की सरकारें, लॉकडाउन में खुली श/राब दुकानाें पर अादेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

लॉकडाउन में खुली श/राब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग सख्ती से लागू करवाने अाैर हाेम डिलीवरी जैसे विकल्प अपनाने की मांग पर शुक्रवार काे सुप्रीम कोर्ट ने काेई भी आदेश देने से इनकार कर दिया। हालांकि, काेर्ट ने कहा कि ठेकों पर भीड़ रोकने के लिए राज्य सरकार श/राब की होम डिलीवरी जैसे विकल्पों पर विचार करें। वकील साई दीपक ने अपनी याचिका में कहा था कि कोरोनावायरस के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है।

लेकिन श/राब की दुकानों पर भारी भीड़ इसकी धज्जियां उड़ा रही है। दुकानों पर बेचने के बजाय श/राब की होम डिलीवरी की जाए। राज्याें काे भी साेशल डिस्टेंसिंग के सख्ती से पालन के निर्देश दिए जाएं। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि साेशल डिस्टेंसिंग पर राज्य सरकारें खुद ध्यान दे रहीं हैं। अदालत कोई दखल नहीं देगी।
बिहार में वर्ष 2016 से ही लागू है पूर्ण श/राबबंदी

तमिलनाडु में श/राब की दुकानें बंद, हाेम डिलीवरी की छूट : मद्रास हाई काेर्ट ने तमिलनाडु में लाॅकडाउन खत्म हाेने तक श/राब की सभी दुकानें बंद रखने का अादेश दिया है। इस दाैरान सिर्फ अाॅनलाइन अाैर हाेम डिलीवरी के जरिये ही श/राब बेची जा सकेगी। जस्टिस विनीत काेठारी अाैर पुष्पा सत्यनारायण की विशेष बेंच ने अभिनेता कमल हासन सहित कई लाेगाें की याचिकाअाें पर यह अंतरिम अादेश दिया।

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