अभी-अभी : RTI के दायरे में आया CJI आफिस, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
पारदर्शिता इसे कहते हैं जो आज सुप्रीम कोर्ट ने किया है. पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुनाया है कि अब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का ऑफिस भी सूचना के अधिकार यानी RTI के दायरे में होगा. फैसले में कहा गया है कि CJI ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है, इसके तहत ये RTI के तहत आएगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि RTI के तहत जवाबदेही से पारदर्शिता और बढ़ेगी. इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी. SC ने कहा कि इससे ये भाव भी मजबूत होगा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के जज भी नहीं हैं.
करीब एक दशक पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि चीफ जस्टिस के ऑफिस और सुप्रीम कोर्ट को RTI के अंतर्गत अपनी सूचनाओं को उसी तरह देना चाहिए, जिस तरह देश में अन्य सार्वजनिक अथॉरिटी देती हैं. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को बरकरार रखा.
स्वनामधन्य पारदर्शी और ईमानदार सरकार ने जुलाई में आरटीआई को ‘पिंजड़े का तोता’ बनाने की कोशिश के तहत इस कानून को ही कमजोर कर दिया है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से सबक लेते हुए शर्म करनी चाहिए और प्रधानमंत्री आफिस समेत पूरी सरकार आरटीआई के दायरे में लाना चाहिए.
आरटीआई के तहत सूचना न देने के बहाने खोजने का मतलब है कि आप बेईमान हैं.
-कृष्णकांत