पान बेचने वाले चौरसिया जी की बेटी का कमाल, बन गई एसडीएम, UPPSC में लहराया परचम

उत्तर प्रदेश : मेरा नाम ज्योति चौरसिया है मेरे पिताजी पान का दुकान चलाते हैं मैं उत्तर प्रदेश की रहने वाली हूं. मैं बहुत ही गरीब परिवार से आता हूं हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है बावजूद इसके पापा ने मुझे पढ़ाया और अफसर बनने का सपना देखा. आज जब उन्हें पता चला कि मैं उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा में पास हो कर एसडीएम बन गई हूं तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है.

वही पिता हेमचंद चौरसिया कहते हैं कि बिटिया ने यूपीपीएससी परीक्षा में परचम लहराकर ना सिर्फ मेरा बल्कि पूरे गांव का नाम रोशन किया है. जब से परीक्षा का परिणाम निकला है तब से आसपास के लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं. हेमचंद्र बताते हैं कि मैं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला का रहने वाला हूं. मुझे आज भी याद है साल 1997 में मैं कमाई करने के लिए गोंडा आया था और यहां पान की दुकान चलाने लगा. पान की दुकान से ही मेरे परिवार का भरण पोषण होता है.

हेमचंद्र बताते हैं कि ज्योति बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थी यही कारण था कि गरीब होने के बाद भी मेरे परिवार में एक बेटा और दो बेटियां हैं. आप झूठ इसके मैंने जूती को पढ़ाने का फैसला लिया.

ज्योति बताती हैं कि साल 2015 से ही तैयारी में लगी हुई थी। इस दौरान आर्थिक और स्वास्थ समस्याओं से जूझना पड़ा। घर की स्थिति ऐसी थी कि भाई को पढ़ाई छोड़कर पान दुकान पे बैठना पड़ा। लेकिन इस परिस्थिति में भी परिवार वालों ने कभी हिम्मत टूटने नहीं दिया और हमेशा साथ देते रहें। वे आगे कहती हैं कि तैयारी में 5 बार असफल रहीं। इसके बाद पहली बार प्री निकला। फिर मेंस और इंटरव्यू भी पास कर गई। आज ज्योति देश की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है। ज्योति से सीखा जा सकता है कि परिस्थितियां कैसी भी हो लेकिन मन में जज्बा हो तो कामयाबी पाने से कोई नहीं रोक सकता है।

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