चातुर्मास शुरू, 4 महीने तक अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर में शादी के शुभ मुहूर्त

चातुर्मास शुरू, 4 महीने तक अब नहीं होंगे कोई भी मांगलिक कार्य, नवंबर-दिसंबर में शादी के शुभ मुहूर्त

चातुर्मास का शुभारंभ बुधवार काे हो गया। चातुर्मास के दौरान चार माह तक शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, नामकरण और दीक्षा संस्कार जैसे मांगलिक कार्य नहीं हाेंगे। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान अधिक होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी यानी 25 नवंबर तक चातुर्मास रहेगा। मलमास होने से इस बार पंचमास हाेगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं हाेंगे।

भगवान विष्णु पाताल लोक में करते हैं निवास: चातुर्मास के दौरान साधु-संत यात्रा नहीं करते हैं। विष्णु पुराण के मुताबिक इन चार माह में भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के यहां निवास करते हैं। चातुर्मास के देवता व संचालन कर्ता भगवान भोलेनाथ होते हैं। वृहत संहिता के अनुसार सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश करने के साथ चातुर्मास का आरंभ हो जाता है। भगवान राम ने भी रावणवध के पहले चातुर्मास में एकांत सेवन और धर्म का जागरण किया था।

शुभ मुहूर्त के लिए ये जरूरी : शादी के शुभ मुहूर्त के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु व मीन लग्न में से किसी एक का रहना जरूरी है। वहीं रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भाद्र, उत्तरा आषाढ़ में एक नक्षत्र कि उपस्थिति अनिवार्य है। सर्व उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा और हस्त नक्षत्र का रहना जरूरी है।

शादी के शुभ मुहूर्त-नवंबर : 25, 30, दिसंबर : 1, 2, 6, 7, 8, 9, 11, 13

देवशयनी एकादशी पर किया गंगा स्नान : देवशयनी एकादशी पर श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण की कथा, गंगा स्नान, दान आदि किए। दूसरी ओर देव शयनी एकादशी पर शक्तिधाम स्थित श्याम बाबा का श्रृंगार विशेष श्रृंगार किया गया। शक्तिधाम के मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल ने बताया कि बुधवार से चौमासा शुरू हो रहा है। श्रृंगार देखने के लिए सचिव रमेश मोदी, अक्षय अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल, नरेंद्र शर्मा आदि आए।

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