नीतीशजी आप बिहार के सबसे बड़े चौकीदार हैं, असफल शराबबंदी कानून के सिर्फ और सिर्फ आप जिम्मेवार हो
मुख्यमंत्री जी। गाँव का चौकीदार पर भरोसा इक्षा शक्ति है या समीक्षा मंथन? बिहार में शराब आ कहाँ से रहा है?राज्य सीमा पर कौन लोग हैं?वे क्या कर रहे हैं? शराबबंदी में आमनागरिक की भागीदारी क्यों नही?
ब्लॉक,जिला स्तर पर सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता द्वारा अनुश्रवण क्यों नही? बीडीओ,थानेदार,ऐसडीओ पर दलिय अनुश्रवण क्यों नही?
ज्ञात हो-सरकार को योजनाओं या कल्याणकारी कार्यक्रमों का जमीनी हक़ीक़त दलिय कार्यकर्ता ही सही से बताते हैं।अफसर तो आपको हमेसा हरा-भरा ही कहेगा।
मुख्यमंत्री जी आपकी इक्षा शक्ति का अभिनंदन।शराबबंदी समाज के हित में है।लेकिन समीक्षा मंथन में चौकीदार वाला बात हजम नही हो रहा हैं।
रजनीकांत पाठक, कांग्रेस नेता, बिहार
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