महराष्ट्र में बीजेपी को झटका, शिवसेना-NCP मिलकर बनाएगी सरकार, कांग्रेस देगी बहार से समर्थन

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के बीच सोमवार को मुलाकात हुई जिसके बाद महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने को लेकर अटकलें तेज हो गयीं हैं. मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नयी तस्वीर सामने आने की बात पॉलिटिकल पंडित कर रहे हैं. इस मुलाकात को लेकर अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक खबर छापी है.

अखबार को एनसीपी के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि पार्टी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा बन सकती है. इसके लिए एनसीपी स्पीकर पद चाहती है. एनसीपी की इच्छा है कि कांग्रेस इस गठबंधन को बाहर से समर्थन दे ताकि सरकार बनाने में दिक्कत न हो. हालांकि नेता ने आगे यह भी कहा है कि अभी कुछ साफ नहीं कहा जा सकता है. यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि शिवसेना और भाजपा का गठबंधन आगे बनता है या फिर दोनों अलग राह अपनाते हैं.

खबरों की मानें तो एनसीपी ने 1995 के सेना-भाजपा जैसा फॉर्म्युला सुझाया है जिसमें सेना का नेता मुख्‍यमंत्री था जबकि भाजपा के नेता को उपमुख्यमंत्री पद मिला था. यदि एनसीपी के सहयोग से सरकार बनी तो सेना का नेता सीएम हो सकता है और डेप्युटी सीएम एनसीपी के किसी नेता को चुना जा सकता है. यहां चर्चा कर दें कि भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में 105 सीटों पर कब्जा जमाया है जबकि शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें अपने नाम की है.

सोमवार को सोनिया गांधी के साथ बहुप्रतीक्षित बैठक के बाद एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि महाराष्‍ट्र में सरकार भाजपा और शिवसेना को बनानी थी, आखिर उनके पास पर्याप्त संख्‍या मौजूद है. उन्होने आगे कहा था कि एनसीपी को विपक्ष में बैठने का जनादेश जनता ने दिया है, लेकिन भविष्य में क्या होगा कोई कुछ नहीं कह सकता है.

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